ईरान-अमेरिका में परमाणु कार्यक्रम पर पांचवें दौर की बातचीत रोम में शुरू, क्या है वार्ता का एजेंडा

ईरान और अमेरिका में बातचीत का पांचवां चरण शुक्रवार को ईटली की राजधानी रोम में शुरू हुआ. इसमें दोनों देश परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत कर रहे हैं. इस बातचीत में ओमान मध्यस्थता कर रहा है.

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नई दिल्ली:

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका उससे बातचीत कर रहा है. इस बातचीत का पांचवां चरण शुक्रवार को रोम में शुरू हुआ.बातचीत का यह चरण इटली की राजधानी रोम में स्थित ओमान के दूतावास में शुरू हुआ. ईरानी मीडिया ने यह जानकारी दी है.ईरान के सरकारी टीवी चैनल प्रेस टीवी के मुताबिक इस बातचीत का मुख्य मुद्दा यूरेनियम संवर्धन है. परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान और अमेरिका ने 12 अप्रैल से बातचीत शुरू की थी. 

कहां पर हो रही है ईरान अमेरिका की बातचीत

विभिन्न समाचार संगठनों ने रोम स्थित ओमानी दूतावास में कई काफिलों के पहुंचने के बाद यह खबर दी. दूतावास में पहले भी एक दौर की वार्ता हुई थी.ईरान द्वारा यूरेनियम का संवर्धन दोनों देशों की वार्ता में मुख्य मुद्दा बनकर उभरा है.राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत अमेरिका के कई शीर्ष अधिकारियों ने जोर दिया है कि ईरान ऐसे किसी भी सौदे के तहत यूरेनियम का संवर्धन जारी नहीं रख सकता है, जिससे ईरानी अर्थव्यवस्था पर प्रतिबंध हट सकते हैं.

रोम में ओमान के दूतावास के बाहर प्रदर्शन करते ईरान के प्रदर्शनकारी.

ईरान और अमेरिका के बीच पांचवें दौर के बातचीत की घोषणा ओमान के विदेश मंत्री बदर अल-बुसैदी ने बुधवार को की थी.उन्होंने बताया था कि बातचीत का पांचवां दौर इटली की राजधानी रोम में होगी.इस बातचीत के पिछले तीन दौर ओमान की  राजधानी मस्कट और दूसरा दौर रोम में हुआ था.ईरान और अमेरिक के अधिकारियों ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है. 

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इस बातचीत की मध्यस्थता ओमान के विदेश मंत्री बदर अल-बुसैदी कर रहे हैं. रोम में शुरू हुए बातचीत के पांचवें चरण में ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची और राष्ट्रपति ट्रंप के प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ अपने अपने देश का नेतृत्व वार्ता में कर रहे हैं.

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ईरान का 2015 का परमाणु समझौता

यह बातचीत 2015 के परमाणु समझौते के विकल्प को लेकर हो रही है.अमेरिका के 2018 में इससे हट जाने की वजह से यह समझौता सफल नहीं हो पाया था.ईरान ने पहले कहा था कि वह बातचीत के अगले दौर में भाग लेने को लेकर फैसला लेगा. इस बीच अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया था कि कोई भी समझौता तेहरान को यूरेनियम संवर्धन की इजाजत नहीं देगा.वहीं ईरान का कहना है कि वह यूरेनियम संवर्धन के अपने अधिकार को कभी भी नहीं छोड़ेगा, जिसकी गारंटी परमाणु अप्रसार संधि में दी गई है.

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डोनाल्ड ट्रंप 2018 में भी अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी पर विराजमान थे. उस समय ईरान और कुछ वैश्विक शक्तियों के बीच हुए पिछले परमाणु समझौते से अमेरिका पीछे हट गया था.उन्होंने ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. ईरान ट्रंप पर अपनी प्रतिबद्धता तोड़ने का आरोप लगाता है.

ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल नागरिक उद्देश्यों के लिए है. ईरान इस बात पर जोर देता है कि वह परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश नहीं कर रहा है.लेकिन परमाणु कार्यक्रम पर नजर रखने वाली संस्था, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) और कई दूसरे देश ईरान के इस दावे से सहमत नहीं हैं.

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