सिर्फ एक उंगली चलाकर खड़ी कर दी पूरी कंपनी... बिस्तर से हिल नहीं सकता चीनी शख्स लेकिन कहानी हौंसला देने वाली

36 साल के ली जिया सालों से बिस्तर पर हैं लेकिन उन्होंने सीखना नहीं छोड़ा. वो उंगलियों से अपने आइडियां मां को बताते हैं और उनकी मां बिना किसी तकनीकी पढ़ाई के, उसे पूरा भी कर देती हैं. वो कंट्रोल बोर्ड बनाती हैं, नेटवर्क वायरिंग करते हैं.

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36 साल के ली जिया सालों से बिस्तर पर हैं लेकिन उन्होंने सीखना नहीं छोड़ा.
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  • ली जिया नामक चीनी व्यक्ति ने अपनी गंभीर शारीरिक अक्षमता के बावजूद स्मार्ट फार्म कंट्रोल सिस्टम विकसित किया है
  • पांच साल की उम्र में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित होने के कारण ली को स्कूल छोड़ना पड़ा लेकिन वो सीखते रहे
  • वेंटिलेटर पर रहकर भी ली ने केवल एक उंगली और एक पैर की अंगुली से प्रोग्रामिंग सीखकर तकनीकी इनोवेशन किया
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मंजिलें लाख कठिन आएं गुज़र जाऊंगा
हौसला हार के बैठूंगा तो मर जाऊंगा

साकी अमरोहवी का शेर जीवन की हर परिस्थितियों में भी हार न मानने की सीख देता है. एक ऐसी ही सीख चीन के एक शख्स की जिंदगी दे रही है जिसने हार न मानने की कसम खाई हुई है. यह चीनी व्यक्ति अपने पूरे शरीर में केवल हथेली की एक उंगली और पैर की एक अंगुली हिला सकता है, लेकिन उसने वह कर दिखाया जो बहुत कम लोग कर पात हैं. उसने दिखाया है कि कैसे दृढ़ संकल्प से जीवन को बदला जा सकता है. लकवाग्रस्त (पैरालाइज) होने और वेंटिलेटर पर निर्भर होने के बावजूद, उसने एक स्मार्ट फार्म कंट्रोल सिस्टम बनाया और बाद में अपनी खुद की कंपनी शुरू की. उसकी इस यात्रा ने पूरे चीन के लोगों को प्रेरणा दी है. नाम है ली जिया.

5 साल की उम्र में सबकुछ बदल गया

36 साल के ली जिया दक्षिण-पश्चिमी चीन के चोंगकिंग से हैं. जब वह सिर्फ पांच साल के थे, तब उन्हें अपने शरीर में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का पता चला था. अपनी बीमारी के कारण उन्हें पांचवीं क्लास में ही स्कूल छोड़ना पड़ा. पढ़ाई छोड़ने के बाद भी उन्होंने सीखना नहीं छोड़ा और खुद ही पढ़ाई जारी रखी. ली को फिजिक्स और कंप्यूटर साइंस में खास इंटरेस्ट थी. कमाल की बात है कि कंप्यूटर से उनका पहला परिचय एक किताब से हुआ जो उनकी छोटी बहन स्कूल से घर लायी थी. उन्हें उस किताब का प्रत्येक चैप्टर आकर्षक लगा. उन्होंने इसे बार-बार पढ़ा, हर अगले साल का उत्सुकता से इंतजार होता था कि इस बार कौन सी नई कंप्यूटर किताब आएगी. 25 साल की उम्र में उन्होंने ऑनलाइन ही प्रोग्रामिंग सीखना शुरू किया.

लेकिन दूसरी तरफ समय के साथ ली की शारीरिक हालत बिगड़ती गई. सबसे पहले, उन्होंने चलने की क्षमता खो दी, और फिर वह अपनी देखभाल करने में भी असमर्थ हो गए. धीरे-धीरे उन्हें खाने और सांस लेने में दिक्कत होने लगी. अब तो वह केवल हथेली की एक उंगली और पैर की एक अंगुली ही हिला पाते हैं.

कोमा से फर्म बनाने तक का सफर

2020 में ली कोमा में चले गए. डॉक्टरों ने ट्रेकियोटॉमी की और उनके परिवार को बताया कि उनके बचने की संभावना कम है. यह दौर उनके जीवन का सबसे कठिन और अंधेरे में डूबा दौर था. 2021 की शुरुआत में, ली ने बिना मिट्टी के खेती करने के बारे में सीखा. इसने एक साहसिक नए विचार को जन्म दिया. ली ने आधुनिक खेती के साथ इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक को एकीकृत (इंटिग्रेट) करके अपने ज्ञान को जमीन पर उतारने का निर्णय लिया. वेंटिलेटर पर रहते हुए भी, उन्होंने केवल एक उंगली और एक पैर की अंगुली से वर्चुअल कीबोर्ड को चलाया और सफलतापूर्वक एक पूरी तरह से स्मार्ट फार्म कंट्रोल सिस्टम बना दिया.

मां ने बेटे का खूब साथ दिया

2017 में उनके माता-पिता के अलग होने के बाद, ली की मां वू डिमेई ने उनकी देखभाल की जिम्मेदारी संभाली. वह हर शारीरिक कार्य में अपने बेटे के निर्देशों का पालन करती थी. समय के साथ, मां ने भी तकनीकी कौशल सीख लिया जिससे वह पहले पूरी तरह से अपरिचित थीं. सर्किट के बारे में कोई ज्ञान न होने के बावजूद, वह कंट्रोल बोर्ड में सोल्डरिंग लगाने, नेटवर्क वायरिंग स्थापित करने, सर्किट को असेंबल करने और कृषि उपकरणों के रखरखाव में माहिर हो गई.

ली के मार्गदर्शन में, मां ने मैन्युअल रूप से एक रिमोट-कंट्रोल वाहन भी बनाया, जिसका उपयोग बिना किसी ड्राइवर के डिलीवरी लेने के लिए किया जाता है. ली का कहना है कि उनकी मां अब हर काम करने में सक्षम हैं. भले ही वह तकनीकी सिद्धांतों को पूरी तरह से नहीं समझती हो, लेकिन वह जानती है कि तारों को कैसे जोड़ना है और सभी सिस्टम को सही तरीके से कैसे स्थापित करना है.

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आज, ली का स्मार्ट फार्म सफलतापूर्वक चल रहा है और मुनाफा कमा रहा है. यह उनके जीवन में एक नए और सफल चैप्टर की शुरुआत का प्रतीक है, जो धैर्य, सीखने की इच्छा और उनके परिवार के मजबूत समर्थन से संभव हुआ.

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