पाकिस्तान लगातार दुनिया में बदनाम होता जा रहा है. अब तक अरब मुल्कों में पाकिस्तानियों के भीख मांगने वाले गिरोह की खबरे आती थीं, मगर अब उन्होंने अपराध करना भी शुरू कर दिया है. खासकर विदेशों में रहने वाले भारतीय उनके टारगेट पर लगते हैं. तुर्किये और कंबोडिया में भारतीयों के साथ हुई घटनाओं को देखकर तो ऐसा ही लगता है. इसी साल मई में 3 पाकिस्तानियों ने तुर्किये में एक भारतीय को किडनैप किया. 20 लाख की फिरौती भारत में रहने वाले उसके परिवार से मांगी. इसी तरह कंबोडिया में भी दो पाकिस्तानियों ने दो भारतीयों को 3 महीने तक बंधक बनाए रखा. हालांकि, दोनों मामले में पाकिस्तानी पकड़े गए हैं.
कंबोडिया की घटना
खमेर टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंबोडिया में भारतीय नागरिकों के अपहरण के मामले में, पुलिस ने तीन सप्ताह के लिए दो भारतीय नागरिकों का अपहरण करने के आरोप में दो पाकिस्तानी लोगों को गिरफ्तार किया. इन लोगों ने 25 अप्रैल को मोहम्मद साद और सुदित कुमार का अपहरण कर लिया था, जिन्हें पुलिस ने 16 मई को मुक्त करा लिया. दोनों पीड़ितों को हफ्तों तक कैद में रखने के दौरान हथकड़ी लगाई गई, पीटा गया और आंखों पर पट्टी बांध दी गई. पाकिस्तानी नागरिकों सब्तैन बिन नासिर और सैयद अली हुसैन ने अपहरण से दो दिन पहले दोनों भारतीयों को एक बैठक के लिए बुलाया था और कहा था कि वे एक भारतीय रेस्तरां खोलने के लिए जगह ढूंढने में उनकी मदद करेंगे. पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि पाकिस्तानियों ने उन्हें अपने कमरे में बंद कर दिया. इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने साद और सुदित के पासपोर्ट भी छीन लिए. अपहरण के बाद, पाकिस्तानियों ने उनकी रिहाई के बदले में उनके परिवारों से प्रत्येक से 10,000 डॉलर, कुल 20,000 डॉलर की फिरौती की मांग की.
तुर्किये की घटना
इसी तरह पाकिस्तानियों ने तुर्किये में राधाकृष्णन का अपहरण कर लिया था. राधाकृष्णन इस्तांबुल के एक रेस्तरां में बर्तन साफ करने के लिए कार्यरत थे. राधाकृष्णन को पाकिस्तानी नौकरी का लालच देकर पश्चिमी शहर एड्रिन में ले गए और उनका अपहरण कर लिया. खमेर टाइम्स के मुताबिक, उन्होंने उसके हाथ-पैर बांध दिए और उसके परिवार को एक वीडियो भेजकर धमकी दी. अपहरणकर्ताओं ने भारत में रहने वाले राधाकृष्णन के परिवार से 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी. पुलिस ने छापेमारी के दौरान पाकिस्तानी अपहरणकर्ताओं के पास से पिस्तौलें बरामद कीं.