इजराइल में भारतीयों ने 26/11 आतंकी हमले में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि

इजराइल में भारतीयों ने 26/11 मुंबई हमलों में मारे गए लोगों को याद किया और इस अपराध के ‘मास्टरमाइंड’ को जल्द सजा दिलाने की मांग की.

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इजराइल में रह रहे भारतीयों ने 26/11 मुंबई हमलों में मारे गए लोगों को याद किया
ईलात (इजराइल):

इजराइल में भारतीयों ने 26/11 मुंबई हमलों में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा मारे गए लोगों को याद किया और इस अपराध के ‘मास्टरमाइंड' को जल्द सजा दिलाने की मांग की. इजराइल में सभी प्रमुख संस्थानों में भारतीय छात्र, भारतीय यहूदी समुदाय के सदस्य और इजराइल में रह रहे व काम कर रहे भारतीयों ने 26/11 हमले की बरसी की पूर्व संध्या पर कई कार्यक्रमों को आयोजित किया. गुरुवार को आयोजित किए गए कार्यक्रमों के दौरान आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. इन हमलों में मारे गए लोगों में छह यहूदी भी शामिल थे. हमलों की बरसी पर शुक्रवार को भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है.

इजराइल में भारत के राजदूत संजीव सिंगला ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘ चाबाड हाउस पर भयानक हमला आतंकवाद को अंजाम देने वालों में गहरी पैठ बन चुकी यहूदी विरोधी भावना को दिखाता है. पीड़ितों को याद करने के लिए समुदाय द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करना न्याय पाने की उनकी तड़प को दिखाता है.'' दक्षिणी तटीय शहर ईलात में भारतीय यहूदी समुदाय के नेता इसाक सोलोमन (84) ने क्लब सितार में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत और इजराइल आतंकवाद से पीड़ित हैं, दोनों देश अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाह रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों का सच में कोई वास्तविक उद्देश्य नहीं होता है. उनका केवल एक लक्ष्य होता है. लोगों को नुकसान पहुंचाना. भारत और इजराइल ऐसे लोकतंत्र हैं. जो शांति चाहते हैं और दुनिया में कहीं भी आतंकवाद की समस्या के खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहेंगे.''

यरुशलम विश्वविद्यालय, हिब्रू, तेल अवीव विश्वविद्यालय, बेन गुरियों विश्वविद्यालय और हाइफा में कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों ने भाग लिया. इस दौरान कोविड-19 संबंधी नियमों का पालन भी किया गया. बेन-गुरियों विश्वविद्यालय में शोधकर्ता अंकित चौहान ने कहा, ‘‘ये शर्मनाक है कि हमले के असली मास्टरमाइंड खुलेआम घूम रहे हैं जबकि पीड़ितों के परिवार न्याय का इंतजार कर रहे हैं.  कार्यक्रम में भाग लेने वाले कुछ लोगों ने 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमले से निपटने में भारतीय जवानों के साहसी प्रयासों को भी याद किया.

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भारत के पूर्वोत्तर राज्यों मणिपुर और मिजोरम से ताल्लुक रखने वाले और यहूदी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन दिगल मेनाशे का प्रतिनिधित्व करने वाले नेई मेनाशे ने हमलों की निंदा की. उन्होंने इसे निहत्थे निर्दोष लोगों पर ‘‘कायराना'' कृत्य बताया.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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