भारतीय मूल के पराग अग्रवाल बने ट्विटर के सीईओ, जैक डोरसी ने दिया इस्तीफा

भारतीय मूल के पराग अग्रवाल को ट्विटर का सीईओ बनाया गया है. ट्विटर ने कहा कि डोरसी 2022 तक सोशल मीडिया कंपनी के बोर्ड में बने रहेंगे.

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Parag Agarwal को ट्विटर का नया CEO नियुक्त किया गया है
नई दिल्ली:

Parag Agarwal twitter ceo : ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी (Jack Dorsey) ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है. उन्होंने ट्विटर पर अपने अकाउंट पर इस्तीफे से जुड़ा लेटर भी शेयर किया है. उनकी जगह भारतीय मूल के पराग अग्रवाल को ट्विटर का सीईओ बनाया गया है. ट्विटर ने कहा कि डोरसी 2022 तक सोशल मीडिया कंपनी के बोर्ड में बने रहेंगे. ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक, उनकी जगह भारतीय मूल के पराग अग्रवाल ने ली है. 45 साल के जैक डोरसी पेमेंट कंपनी स्क्वायर के भी प्रमुख हैं.  जैक डोरसी ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधइकारी और सह संस्थापक रहे हैं. उनकी जगह कंपनी के मुख्य तकनीकी अधिकारी पराग अग्रवाल ने ली है. यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है. 

डोरसी ने एक बयान में कहा, मैं ट्विटर को छोड़ने का फैसला किया है, क्योंकि अब उनके संस्थापकों के बाद आगे बढ़ने के लिए तैयार है. ट्विटर के सीईओ के तौर पर पराग पर मेरा पूरा विश्वास है. उनका पिछले दस साल में कामकाज अद्भुत रहा है. मैं उनकी स्किल, उनकी कर्मठता और प्रतिबद्धता का कायल रहा हूं. 

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डोरसी पेमेंट्स कंपनी स्क्वॉवयर इंक के प्रमुख हैं और पिछले कुछ वक्त से क्रिप्टोकरेंसी में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. डोरसी ने 2008 में भी सीईओ पद से इस्तीफा दिया था लेकिन 2015 में वापस लौट आए थे. वर्ष 2020 में डोरसी एक्टिविस्ट इनवेस्टर कंपनी एलियट मैनेजमेंट के काफी दबाव में आ गए थे. एक साल पहले उन्होंने कहा था कि वो साल के छह माह अफ्रीका में बिताना चाहते थे और वहां अफ्रीका में इंटरनेट यूजर्स के बारे में ज्यादा बेहतर जानना चाहते हैं. हालांकि कोविड-19 आने के कारण उनकी योजना यह स्थगित रही. 

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हालांकि बाद में हेज फंड निवेशक का ट्विटर के साथ समझौता हो गया था और निजी इक्विटी समूह सिल्वर लेक को ट्विटर के बोर्ड में तीन नए निदेशकों की नियुक्ति करनी है. साथ ही एक टीम का भी गठन करना है, जो लीडरशिप औऱ गवर्नेंस जैसे विषयों की समीक्षा कर सके. अग्रवाल वर्ष 2017 में कंपनी के सीटीओ बनाए गए थे और अब बोर्ड के सदस्य भी होंगे.  

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पराग अग्रवाल ट्विटर में अक्टूबर 2011 से अक्टूबर 2017 तक विशेष सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर कार्यरत थे औऱ कंपनी में अक्टूबर 2017 के दूसरे कार्यकाल के दौरान सीटीओ बने.  अग्रवाल जून 2010 से सितंबर 2010 तक महज चार महीने तक एटीएंडटी लैब्स में रहे हैं. इसके पहले उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट और याहू में भी काम किया है. 
आईआईटी बांबे से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक पराग अग्रवाल ने वर्ष 2005 से 2012 के बीच स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की. 

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