तुर्की और सीरिया (Turkey Earthquake) में आए भूकंप के बाद से अब तक कुल 11 416 लोगों की मौत हो चुकी है. समाचार एजेंसी AFP के मुताबिक, घायलों की संख्या 40 हजार के करीब हो गई है. दोनों देशों की मदद के लिए भारत समेत 70 से भी ज्यादा देश आगे आए हैं. इस बीच भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि तुर्की में भूकंप आने के बाद से ही एक भारतीय नागरिक लापता है. तुर्की के दूर-दराज के इलाकों यानी रिमोट एरिया में 10 भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं, लेकिन सुरक्षित हैं. इन्हें रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है. तुर्किये में 3000 भारतीय हैं.
विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने कहा, "हमने तुर्की के अदाना में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया है. 10 भारतीय प्रभावित क्षेत्रों के दूरदराज के हिस्सों में फंसे हुए हैं, लेकिन वे सुरक्षित हैं. एक भारतीय नागरिक जो व्यापारिक यात्रा पर था, भूकंप के बाद से ही लापता है. हम उसके परिवार और कंपनी के संपर्क में हैं."
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि भारत 'ऑपरेशन दोस्त' (#OperationDost) के तहत सीरिया को जरूरी चीजें, मेडिकल सप्लाई और डिवाइसेस भेज रहा है. वहीं, तुर्की में रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन के लिए टीम भेज रहा है. तुर्की और हिंदी भाषा में 'दोस्त' शब्द का इस्तेमाल होता है, इसलिए इस ऑपरेशन का नाम दोस्त रखा गया है. भारत के अलावा अन्य देशों से भी तुर्की और सीरिया को मदद मिल रही है.
7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद दो दिन बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. तुर्की के कई शहरों में तापमान 9 से माइनस 2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी स्थिति में लोगों को हाइपोथर्मिया होना का खतरा है. समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि तुर्की रेड क्रीसेंट के प्रमुख केरेम किनिक ने चेतावनी दी थी कि सर्च और रेस्क्यू टीम के प्रयासों में पहले 72 घंटे महत्वपूर्ण थे, लेकिन "गंभीर मौसम की स्थिति" की जटिलताओं के कारण इसमें दिक्कतें आई. ऐसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है.
बता दें कि अब तक तुर्की में 8 हजार लोगों को बचा लिया गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 60 हजार से ज्यादा बचावकर्मी तैनात किए हैं. यहां लगभग 3 लाख 80 हजार लोगों ने सरकारी शेल्टर और होटलों में शरण ली है. तुर्की के हाटे प्रांत में एक ढही हुई इमारत के नीचे मिले कुछ बच्चों को आपातकालीन कर्मचारियों ने आज बचा लिया.
बता दें कि पिछले साल तुर्की ने अपना नाम बदलकर तुर्किये करने का फैसला लिया. पिछले साल जून में संयुक्त राष्ट्र के नाम परिवर्तन पर औपचारिक मुहर लगाने के बाद इस देश को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसी नाम से पुकारे जाने का रास्ता खुल गया. देश के नये नाम पर विदेश मंत्री मेयलुत कावुसोगलू ने कहा- ‘इस परिवर्तन से हमारे देश का ब्रांड वैल्यू बढ़ेगा.' तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन ने कहा था कि नए नाम से तुर्किये राष्ट्र की संस्कृति, सभ्यता, और उसूलों की बेहतर ढंग से अभिव्यक्ति होगी.
ये भी पढ़ें:-
बचाव के लिए समय के खिलाफ संघर्ष : तुर्की-सीरिया में भूकंप से मौतों की संख्या 11 हजार से अधिक हुई
हर पिता ख़ुशनसीब नहीं होता! इमारत के मलबे में दब कर जान गंवाने वाली बेटी का हाथ पकड़े पापा