यूक्रेन (Ukraine) स्थित भारतीय दूतावास (Indian Embassy) ने रविवार को कहा कि वह पड़ोसी देशों के साथ लगती सीमाओं पर और पारगमन केंद्र खोलने की संभावना को लगातार टटोल रहा है ताकि भारतीय नागरिकों (Indian Citizens) को युद्धग्रस्त देश से निकाला जा सके. दूतावास ने एक परामर्श जारी कर कहा कि वह स्थिति की करीब से निगरानी कर रहा है, खासतौर पर यूक्रेन के पूर्वी हिस्सों में और वह भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए लगातार अधिकारियों के संपर्क में है. दूतावास ने कहा, ‘‘जब भी कर्फ्यू हटाया जाएगा, आपके आसपास लोगों की आवाजाही होगी, भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे करीबी रेलवे स्टेशन का इस्तेमाल युद्धग्रस्त इलाके से निकलने में करें और पश्चिमी हिस्से की ओर आगे बढ़ें.''
दूतावास ने कहा, ‘‘रेलवे का परिचालन हो रहा है और यह सुरक्षित है. अगर नियमित ट्रेनों के लिए टिकट मिल रहा है तो वे बुकिंग कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त यूक्रेनियन रेलवे भी लोगों को निकालने के लिए विशेष रेलगाड़ियां चला रहा है और रेलवे स्टेशनों पर ‘पहले आओ पहले पाओ' की तर्ज पर यात्रा की अनुमति दी जा रही है और इसके लिए टिकट की जरूरत नहीं है.'' दूतावास ने कहा कि भारतीय नागरिकों को रोमानिया और हंगरी के रास्ते यूक्रेन से निकाला जा रहा है. भारतीय मिशन ने कहा, ‘‘हम भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए पड़ोसी देशों के साथ और अधिक सीमा मार्गों को खोलने की संभावना का लगातार पता लगा रहे हैं.''
दूतावास ने कहा कि रेलवे स्टेशनों पर बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जा रही है. दूतावास ने इसके साथ ही लोगों से संयमित और सुरक्षित रहने की अपील की. भारतीय मिशन ने कहा, ‘‘ कृपया शांत और सुरक्षित रहें. केवल जरूरी सामान या बैग लेकर चलें. रात को भारी ऊनी कपड़े पहनें और संभव हो तो कंबल और दवाएं साथ लेकर चलें. यथासंभव अधिक से अधिक नकदी रखें.''
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दूतावास ने कहा, ‘‘जो लोग मानते हैं कि यात्रा के लिए अनुकूल परिस्थिति नहीं हैं या वे किन्हीं कारणों से वहां से निकल नहीं पा रहे हैं, वे अगले घटनाक्रम तक इंतजार कर सकते हैं या बचे हुए समूहों के साथ पर्याप्त आवश्यक सामग्री रख स्थिति के अनुसार एवं सुरक्षा के मौजूदा निर्देशों के अनुसार योजना बना सकते हैं.'' गौरतलब है कि भारत ने रोमानिया, हंगरी और पोलैंड के रास्ते भारतीयों को निकालने के लिए यूक्रेन के पश्चिमी शहरों लीव और चेरनिवत्सी में शिविर कार्यालय खोला है. इसके अलावा कई सीमा चौकियों पर अधिकारियों की तैनाती की गयी है.