Myanmar Earthquake : 118 लोगों की टीम, 15 टन राहत सामग्री... 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के जरिए भारत ने म्यांमार को भेजी मदद

एयरबोर्न एंजेल्स टास्क फोर्स आपदा प्रभावित क्षेत्रों में उन्नत चिकित्सा और शल्य चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित और सुसज्जित है.

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नई दिल्ली:

म्यांमार में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप के बाद, भारतीय सेना ने तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत एक विशेष चिकित्सा टास्क फोर्स को तैनात किया है. शत्रुजीत ब्रिगेड मेडिकल रिस्पॉंडर्स की 118-सदस्यीय विशेषज्ञ टीम, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल कर रहे हैं, जल्द ही आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और खाद्य पदार्थों की आपूर्ति के लिए म्यांमार के लिए रवाना हो गई. एयरबोर्न एंजेल्स टास्क फोर्स आपदा प्रभावित क्षेत्रों में उन्नत चिकित्सा और शल्य चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित और सुसज्जित है.

इस अभियान के तहत, भारतीय सेना आपदा स्थलों//स्थल में एक 60-बेड वाला चिकित्सा उपचार केंद्र स्थापित करेगी, जहां घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी. यह केंद्र गंभीर आघात (ट्रॉमा) मामलों, आपातकालीन सर्जरी और अन्य आवश्यक चिकित्सा सेवाओं का संचालन करेगा, जिससे इस आपदा से बुरी तरह प्रभावित स्थानीय स्वास्थ्य प्रणाली को राहत मिलेगी.

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यह मानवीय सहायता भारत की प्रथम पड़ोसी देश सहायता नीति  और ‘वसुधैव कुटुंबकम' अर्थात 'पूरी दुनिया एक परिवार है' की शाश्वत भारतीय विचारधारा को साकार करती है. संकट के समय मित्र देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने की भारतीय सेना की प्रतिबद्धता यह दर्शाती है कि भारत इस क्षेत्र में एक प्रमुख सहायक देश के  रूप में अपनी भूमिका बड़ी कुशलता से  निभा रहा है.

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इस तैनाती का आयोजन विदेश मंत्रालय के साथ घनिष्ठ समन्वय में किया गया है और यह भारत सरकार और म्यांमार सरकार के अधिकारियों के बीच आपसी  सहयोग से संचालित किया जा रहा  है.

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एस जयशंकर ने लिखा, "ऑपरेशन ब्रह्मा, आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून बंदरगाह की ओर रवाना." एक अन्य ट्वीट में उन्होंने जानकारी दी कि 80 सदस्यीय एनडीआरएफ खोज एवं बचाव दल भी नेप्यी ताव के लिए रवाना हुआ. ये दल म्यांमार में बचाव कार्यों में सहायता करेंगे.

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इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग ह्लाइंग से बात की. उन्होंने कहा कि भारत इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है.

एक्स पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा, "म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग ह्लाइंग से बात की. विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की. एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, भारत इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है. ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है."

म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में शुक्रवार को उच्च तीव्रता वाला भूकंप आया, जिससे इमारतें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे नष्ट हो गए और बड़ी संख्या में लोगों की जान गई.

शनिवार को विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक पोस्ट में कहा कि ‘ऑपरेशन ब्रह्मा' के हिस्से के रूप में, भारत ने शुक्रवार के भीषण भूकंप से प्रभावित म्यांमार के लोगों की सहायता के लिए पहले प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में काम किया. टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, भोजन के पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और जरूरी दवाओं सहित 15 टन राहत सामग्री की हमारी पहली खेप यांगून पहुंच गई है.”

म्यांमार में शुक्रवार दोपहर को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, सागाइंग के पास आए इस भूकंप के बाद 2.8 से 7.5 तीव्रता के 12 झटके महसूस किए गए, जिससे प्रभावित इलाकों में हालात और खराब हो गए. म्यांमार के राज्य प्रशासन परिषद की सूचना टीम ने जानकारी दी है कि भूकंप में 1,002 लोग मारे गए, 2,376 लोग घायल हुए और 30 लोग अब भी लापता हैं.

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