'हम श्रीलंका के लोगों के साथ', भारत ने सेना भेजने की खबरों को किया खारिज

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने साफ कहा कि भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है क्योंकि वे लोकतांत्रिक साधनों और मूल्यों के जरिए समृद्धि और विकास की आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
श्रीलंका की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के कारण देश के हालात खराब होते जा रहे हैं (फाइल फोटो)
कोलंबो:

Sri Lanka crisis: श्रीलंका में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के सरकारी आवास में घुस गए और बाद में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में घुसे और वहां आग लगा दी. इसको लेकर मीडिया रिपोर्टों में भारतीय सैनिक (Indian troops) को श्रीलंका भेजे जाने के कयास लगाए जा रहे थे जिसे श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने रविवार को साफ तौर पर खारिज कर दिया. 

भारत के हाई कमीशन ने एक आधिकारिक बयान में कहा "उच्चायोग मीडिया और सोशल मीडिया पर भारत की ओर से श्रीलंका में अपनी सेना भेजने के बारे में खबरों में लगाए जा रहे अनुमानों का स्पष्ट रूप से खंडन करना चाहेगा. यह रिपोर्ट और इस तरह के विचार भी भारत सरकार की स्थिति के अनुरूप नहीं हैं." 

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने साफ कहा कि भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है. वे लोकतांत्रिक साधनों और मूल्यों, स्थापित संस्थानों और संवैधानिक ढांचे के माध्यम से समृद्धि और विकास की अपनी आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं.

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के इस्तीफा देने के लिए सहमत होने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास पर कब्जा कर रखा है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है क्योंकि वे लोकतांत्रिक साधनों और संवैधानिक ढांचे के जरिए समृद्धि और प्रगति चाहते हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा, "हम श्रीलंका में हाल की घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है."

श्रीलंका के हालात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत श्रीलंका का निकटतम पड़ोसी है और दोनों देशों के गहरे सभ्यतागत रिश्ते हैं. उन्होंने एक बयान में कहा, "हम उन कई चुनौतियों से अवगत हैं जिनका श्रीलंका और उसके लोग सामना कर रहे हैं. हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं क्योंकि उन्होंने इस कठिन दौर से पार पाने की कोशिश की है."

Advertisement

श्रीलंका में बिगड़ते आर्थिक हालात ने तनाव बढ़ा दिया है. पिछले कुछ हफ्तों में पेट्रोल पंपों पर आम लोगों, पुलिस बल और सशस्त्र बलों के बीच टकराव की कई खबरें आई हैं. देश के लोग ईंधन की कमी से हताश हैं.

तेल की कमी के चलते स्कूलों और सरकारी दफ्तरों को अगली सूचना तक के लिए बंद कर दिया गया है. घरेलू कृषि उत्पादन में कमी, विदेशी मुद्रा भंडार में कमी और स्थानीय करेंसी का मूल्य गिरने से संकट और बढ़ गया है.

Advertisement

आर्थिक संकट श्रीलंका के परिवारों को भूख और गरीबी की ओर धकेल देगा. विश्व बैंक का अनुमान है कि करीब पांच लाख लोग पहले ही कोविड महामारी के कारण गरीबी रेखा से नीचे चले गए हैं.

'श्रीलंका में जनता की भागीदारी के साथ एक सर्वदलीय सरकार का हो गठन'

Featured Video Of The Day
Andhra Pradesh News: 1.3 करोड़ नहीं दिए तो...महिला को मिला पार्सल, भीतर था अज्ञात शव!
Topics mentioned in this article