भारत (India) और ब्रिटेन (UK) के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के अमल में आने से देश के सेवा निर्यात विशेषकर कानूनी, लेखा और लेखा परीक्षण क्षेत्र की सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. सेवा निर्यात संवर्द्धन परिषद (SEPC) ने शुक्रवार को यह कहा. SEPC के अध्यक्ष सुनील एच तलाती ने बताया कि ब्रिटेन के बाजारों में चिकित्सा प्रतिलिपी (मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन), कानूनी, लेखा और लेखा परीक्षण जैसे घरेलू सेवा क्षेत्रों में असीम संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सेवाओं के निर्यात के लिए ब्रिटेन में खासी संभावनाएं हैं. इस समझौते से सेवा निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.''
भारत और ब्रिटेन (India-UK) के बीच व्यापार समझौते पर चर्चा इस महीने के अंत तक पूरी हो जाने की उम्मीद है. इस समझौते को विचारों के आदान-प्रदान के कुछ समय बाद लागू किया जाएगा.
तलाती ने कहा कि निर्यात में अच्छी वृद्धि को देखते हुए परिषद को ऐसी उम्मीद है कि 2022-23 के लिए तय 300 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा. 2021-22 में यह 254 अरब डॉलर था.
परिषद के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जून के बीच सेवा निर्यात बढ़कर 71 अरब डॉलर हो गया जो पिछले वर्ष समान तिमाही में 56.22 अरब डॉलर था.
तलाती ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के आंकड़ों को जुटाने के लिए एक व्यवस्था बनाने की जरूरत है. उन्होंने बताया, ‘‘गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई चार्टर्ड अकाउंटेंट अमेरिका जैसे देशों में सेवा निर्यात करते हैं, इसके आंकड़े अभी जुटाए नहीं जाते हैं.'