भारत का UPI जुड़ेगा UAE के AANI से, दोनों देशों के लोग सीमा पार से कर सकेंगे बिना बाधा लेनदेन

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि द्विपक्षीय निवेश संधि के लिए समझौता ज्ञापन दोनों देशों में निवेश को और बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक होगा.

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अबू धाबी:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की उपस्थिति में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच तत्काल भुगतान प्लेटफार्मों - यूपीआई और यूएई के एएएनआई के इंटरलिंकिंग पर एक समझौता ज्ञापन सहित कई समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया. इस समझौते से दोनों देशों के बीच निर्बाध सीमा पार लेनदेन की सुविधा मिलेगी.

एमओयू में निवेश संधि, डिजिटल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड तथा ऑनलाइन भुगतान प्लेटफार्मों के इंटरलिंकिंग से लेकर कई क्षेत्र शामिल थे.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि द्विपक्षीय निवेश संधि के लिए समझौता ज्ञापन दोनों देशों में निवेश को और बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक होगा. भारत ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ द्विपक्षीय निवेश संधि और व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते दोनों पर हस्ताक्षर किए हैं.

विद्युत इंटरकनेक्शन और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया है, जो ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा व्यापार सहित ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के नए क्षेत्र खोलेगा.

विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारत-मध्य पूर्व आर्थिक गलियारे पर, भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एक अंतर सरकारी फ्रेमवर्क समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए, जो इस मामले पर पिछली समझ और सहयोग पर आधारित होगा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने के लिए भारत और संयुक्त अरब अमीरात के सहयोग को बढ़ावा देगा."

डिजिटल अवसंरचना परियोजनाओं में सहयोग के लिए समझौता, डिजिटल अवसंरचना क्षेत्र में निवेश सहयोग सहित व्यापक सहयोग के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा और तकनीकी ज्ञान, कौशल और विशेषज्ञता को साझा करने की सुविधा भी प्रदान करेगा.

भारत-यूएई ने दोनों देशों के राष्ट्रीय अभिलेखागार के बीच एक सहयोग प्रोटोकॉल भी स्थापित किया है, जो अभिलेखीय सामग्री की बहाली और संरक्षण सहित इस क्षेत्र में व्यापक द्विपक्षीय सहयोग को आकार देगा.

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एक अन्य समझौता ज्ञापन विरासत और संग्रहालयों के क्षेत्र में सहयोग पर केंद्रित है. इससे दोनों देशों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा मिलेगा, जिसका उद्देश्य लोथल, गुजरात में समुद्री विरासत परिसर का समर्थन करना है.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, तत्काल भुगतान प्लेटफॉर्म - यूपीआई (भारत) और एएएनआई (यूएई) को आपस में जोड़ने पर भी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इससे दोनों देशों के बीच निर्बाध सीमा पार लेनदेन की सुविधा मिलेगी. ये प्रधानमंत्री की अबू धाबी यात्रा के दौरान पिछले साल जुलाई में हस्ताक्षरित भुगतान और मैसेजिंग सिस्टम को इंटरलिंक करने पर समझौता ज्ञापन का अनुसरण करता है.

घरेलू डेबिट और क्रेडिट कार्डों को आपस में जोड़ने पर एक और समझौता - रुपे (भारत) और जयवान (यूएई) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. ये वित्तीय क्षेत्र में सहयोग के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम है, इससे पूरे संयुक्त अरब अमीरात में RuPay की सार्वभौमिक स्वीकृति बढ़ेगी.

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प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति अल नाहयान को संयुक्त अरब अमीरात के घरेलू कार्ड, जयवान के लॉन्च पर बधाई दी, जो डिजिटल रुपे क्रेडिट और डेबिट कार्ड स्टैक पर आधारित है. नेताओं ने जयवान कार्ड का उपयोग करके किए गए लेनदेन को देखा.

नेताओं ने ऊर्जा साझेदारी को मजबूत करने पर भी चर्चा की. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि उन्होंने इस बात की सराहना की कि यूएई कच्चे तेल और एलपीजी के सबसे बड़े स्रोतों में से एक होने के अलावा, भारत अब एलएनजी के लिए दीर्घकालिक अनुबंध में प्रवेश कर रहा है.

यात्रा से पहले, राइट्स लिमिटेड ने अबू धाबी पोर्ट्स कंपनी के साथ और गुजरात मैरीटाइम बोर्ड ने अबू धाबी पोर्ट्स कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इनसे बंदरगाह के बुनियादी ढांचे के निर्माण और दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी को और बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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