मोदी-पुतिन की 45 मिनट तक कार में बात! चीन में भारत और रूस की मजबूत दोस्ती के ये 5 सबूत

PM Modi- Vladimir Putin bilateral meeting: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के बाद सोमवार, 1 सितंबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
PM Modi- Vladimir Putin bilateral meeting: SCO समिट के बाद पुतिन और पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठक
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की दोस्ती SCO समिट में स्पष्ट रूप से नजर आई और दोनों नेताओं की केमिस्ट्री दिखी.
  • मोदी ने द्विपक्षीय बैठक में बताया कि भारत-रूस संबंध कठिन समय में भी कंधे से कंधा मिलाकर मजबूत रहे हैं.
  • भारत ने अमेरिकी टैरिफ के दबाव के बावजूद रूस से तेल खरीदना जारी रखा और अपनी दोस्ती को मजबूत बनाए रखा.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए एससीओ कॉन्फ्रेंस वेन्यू से होटल तक जाने के लिए साथ जाने की ख्वाहिश जताई. पुतिन ने करीब 10 मिनट तक इंतजार भी किया ताकि वो उनके साथ आ सकें. इसके बाद कार में एक साथ सवार दोनों नेताओं की तस्वीरें सबने देखीं. दोनों नेताओं ने कार में कई मुद्दों पर बातचीत की. दोनों ने कार में करीब 45 मिनट तक साथ बिताए और ये वार्ता द्विपक्षीय बैठक के स्थल तक जारी रही. इसके बाद दोनों नेताओं के बीच अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में एक घंटे और वार्ता चली, जो घंटे भर जारी रही. 

चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का शिखर सम्मेलन खत्म हो चुका था लेकिन पूरी दुनिया की नजर अभी भी उस शहर तियानजिन पर थी, जहां यह ‘महाबैठक' हो रही थी. सम्मलेन के बाद जैसे ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक कार में साथ बैठकर बाहर निकले दुनिया भर की न्यूज एजेंसियों ने उन्हें एक साथ कैमरों में कैद किया. यह तस्वीर अपने आप में एक संदेश थी. संदेश दोस्ती का, संदेश दूर देश बैठे एक दबंग को भी था जो अपनी शर्त पर इस दोस्ती में मट्ठा घोलने का सपना देख रहा है. जब पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन वहां से निकलकर द्विपक्षीय वार्ता के लिए साथ बैठें तो वहां कही गई हर बात भी इस दोस्ती के मजबूत होने पर मुहर लगा रही थी.

चलिए आपको बताते हैं कि पीएम मोदी के इस चीन दौरे से कैसे भारत-रूस की मजबूत दोस्ती के पांच सबूत मिले हैं.

1. जियोपॉलिटिक्स में तस्वीरें ज्यादा बोलती हैं

जियोपॉलिटिक्स में माना जाता है कि ऑप्टिक्स कही गई बातों से कहीं ज्यादा वजन रखती है. ऑप्टिक्स मतलब क्या नजर आ रहा है. पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन का याराना, दोनों के बीच की केमिस्ट्री साफ नजर आ रही थी. चाहे वो SCO शिखर सम्मेलन के ठीक पहले शी जिनपिंग से मिलने के बाद मोदी-पुतिन की जोड़ी का गर्मजोशी से साथ आगे टहलते हुए जाना हो गया फिर सम्मेलन के बाद दोनों का एक साथ कार से द्विपक्षीय वार्ता के लिए जाना. पीएम मोदी ने खुद कार में बैठे दोनों नेताओं की तस्वीर X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “SCO शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही के बाद, राष्ट्रपति पुतिन और मैंने हमारी द्विपक्षीय बैठक के स्थल तक एक साथ यात्रा की. उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है.”

2. पीएम मोदी ने जब दुनिया को बताया भारत-रूस दोस्ती क्यों खास है

दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता की जहां पीएम मोदी ने साफ साफ बताया कि रूस और भारत की दोस्ती क्यों खास है. पीएम मोदी ने पुतिन के सामने बैठकर कहा, "मुझे हमेशा लगता है कि आपसे (पुतिन से) मिलना एक यादगार बैठक होती है. हमें कई विषयों पर जानकारी साझा करने का अवसर मिला है. हम लगातार संपर्क में रहे हैं. दोनों पक्षों के बीच नियमित रूप से कई उच्च-स्तरीय बैठकें हुई हैं… कठिन से कठिन हालात में भी भारत और रूस कंधे से कंधा मिलाकर चले हैं."

3. पुतिन को भी भारत आने का इंतजार

पीएम मोदी के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, "आपसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हो रही है… SCO वैश्विक दक्षिण और पूर्व के देशों को एकजुट करने के लिए एक मंच प्रदान करता है… 21 दिसंबर, 2025 को भारत-रूस संबंधों को 'विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' तक बढ़ाने की 15वीं वर्षगांठ है… दोनों देशों के बीच एक बहुआयामी रिश्ता है… आज की बैठक से भारत-रूस संबंधों को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. रूस और भारत के बहुत अच्छे संबंध हैं…"

Advertisement

4. यूक्रेन में लड़ते रूस को भी भारत की ‘शांतिदूत' वाली भूमिका पर भरोसा

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को कहा कि वह यूक्रेनी संघर्ष के समाधान को सुविधाजनक बनाने में भारत और अन्य रणनीतिक भागीदारों के योगदान को "अत्यधिक महत्व" देते हैं. पुतिन ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में ही बोलते हुए कहा, "हम चीन, भारत और हमारे अन्य रणनीतिक साझेदारों के प्रयासों और प्रस्तावों को बहुत महत्व देते हैं, जिनका उद्देश्य यूक्रेनी संकट के समाधान को सुविधाजनक बनाना है."

5. ट्रंप के टैरिफ बम के बीच भारत का न झुकना भी सबूत

भारत और रूस की दोस्ती कितनी मजबूत है, इसका तो सबसे बड़ा सबूत यही है कि भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेतुके टैरिफ बम के सामने झुकने से इनकार कर दिया है. ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीदकर यूक्रेनी जंग को फंड करने का आरोप लगाया है और भारत पर कुल मिलाकर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया है. ट्रंप को लगा कि भारत पीछे हट जाएगा लेकिन उनका दांव उल्टा पड़ गया. भारत ने न सिर्फ अमेरिका और यूरोप को उसके खुद के रूसी व्यापार का आईना दिखाया बल्कि तेल खरीदना जारी रखते हुए चीन में पुतिन के साथ गर्मजोशी से मुलाकात की. दोस्ती पहले से कहीं मजबूत है, यह दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. वैसे भारत के इस साफ जवाब से झटका सीधे ट्रंप को लगा है. तभी तो उनके व्यापार सहयोगी पीटर नवारो इस बात पर नाराजगी जता रहे हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत को चीन और रूस के साथ करीब नहीं आना चाहिए था.

Advertisement

यह भी पढ़ें: पुतिन बोले प्रिय दोस्त, तो मोदी ने कहा मुश्किल वक्त का साथी... SCO समिट में सब पर भारी भारत-रूस की यारी

Featured Video Of The Day
Delhi Rain: August में आई आफत, क्या September में बाढ़ मचाएगी तबाही? | Weather | Dekh Raha Hai India