India-Pakistan के बीच बातचीत कब होगी? इस्लामाबाद में पत्रकार को मिला ये जवाब...

पाकिस्तान (Pakistan) में प्रधानमंत्री के पद पर शहबाज शरीफ (PM Shehbaz Sharif) के निर्वाचित होने के बाद उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के बीच संदेशों का आदान-प्रदान हुआ था.दो वर्ष से भी अधिक समय बाद पाकिस्तान की तरफ से नयी दिल्ली में अपने उच्चायोग में एक व्यापार मंत्री नियुक्त करने के निर्णय के बाद दोनों देशों के बीच वार्ता बहाल होने की उम्मीदें फिर से जग गयी हैं.

Advertisement
Read Time: 15 mins
P

पाकिस्तान (Pakistan) ने ‘‘सार्थक, रचनात्मक संवाद'' का उचित ‘‘माहौल'' न होने के कारण भारत (India) के साथ निकट भविष्य में किसी भी वार्ता की संभावना को खारिज कर दिया है. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने बृहस्पतिवार को साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भारत के साथ संबंधों (India Pakistan Relations) पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में यह टिप्पणी की. उनसे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (PM Shehbaz Sharif) की अगुवाई वाली पाकिस्तान की नयी सरकार के रुख और नयी दिल्ली में एक व्यापार मंत्री की नियुक्ति के संदर्भ में ये सवाल पूछे गए थे.

इफ्तिखार ने कहा कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय आम सहमति है और पूर्ववर्ती सरकारों ने भारत के साथ विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की नीति को ही अपनाया है. उन्होंने कहा, ‘‘कूटनीति में आप दरवाजे कभी भी बंद नहीं करते हैं.''

विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि विवादों के कूटनीतिक समाधान की पाकिस्तान की इच्छा के बावजूद ‘‘सार्थक, रचनात्मक संवाद का माहौल नहीं है.''

पाकिस्तान की ज़िम्मेदारी 

मालूम हो कि भारत ने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि वह आंतक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त माहौल में उसके साथ सामान्य पड़ोसी संबंध की आकांक्षा रखता है. भारत ने कहा है कि आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त माहौल का निर्माण करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है.

दो वर्ष से भी अधिक समय बाद पाकिस्तान की तरफ से नयी दिल्ली में अपने उच्चायोग में एक व्यापार मंत्री नियुक्त करने के निर्णय के बाद दोनों देशों के बीच वार्ता बहाल होने की उम्मीदें फिर से जग गयी हैं.

बहरहाल, वाणिज्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान में भारत की ओर व्यापार नीति में किसी भी बदलाव से मना किया.

Advertisement

शहबाज शरीफ के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के बाद उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संदेशों का आदान-प्रदान हुआ था.

पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद शरीफ ने अपने भाषण में कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने का मुद्दा उठाया था. उन्होंने भारत के साथ बेहतर संबंधों की इच्छा व्यक्त की थी किंतु इसे कश्मीर मुद्दे से जोड़ा था.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Jammu Kashmir Assembly Elections: AIP और जमाते इस्लामी के समर्थन वाले निर्दलीय किसका खेल बिगाड़ेंगे?