NDTV Exclusive: भारत-मालदीव संबंध में नई गर्मजोशी पर बोले उच्‍चायुक्‍त- हमारे रिश्‍ते चीन पर निर्भर नहीं

बालासुब्रमण्यम ने पिछले एक वर्ष में दोनों देशों के बीच रिश्‍तों में नई गर्मजोशी की चर्चा की. उन्‍होंने भारत की निरंतर और शांत कूटनीति, साथ ही विकास कार्यों में सहायता और जन-केंद्रित जुड़ाव की ओर इशारा किया.

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  • मालदीव की आजादी की 60वीं वर्षगांठ पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.
  • भारत-मालदीव के बीच 60 वर्षों से स्थिर कूटनीतिक संबंध हैं, जो इतिहास, भूगोल और आपसी सद्भावना पर आधारित हैं.
  • भारत और मालदीव के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए मुक्त व्यापार समझौता (FTA) की बातचीत भी शुरू हो चुकी है.
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माले:

मालदीव, अपनी आजादी की  60वीं वर्षगांठ मना रहा है और इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बतौर मुख्‍य अतिथि शामिल हुए हैं. राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु के कार्यकाल में किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की ये पहली यात्रा है, जिसने द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ा. भारत और मालदीव के बीच 60 वर्षों से मजबूत कूटनीतिक संबंध और दोनों देशों के बीच रिश्‍ते में आई नई गर्मजोशी को लेकर भारत के उच्चायुक्त (हाई कमिश्नर) जी बालासुब्रमण्यम ने NDTV से एक्‍सक्‍लूसिव बातचीत की. 

बालासुब्रमण्यम ने कहा, 'ये सिर्फ एक औपचारिक दौरा नहीं, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का प्रतीक है. उन्होंने बताया कि कैसे भारत, मालदीव के विकास में मददगार बन रहा है.

बता दें कि मुइज्‍जू के सत्ता में आने के बाद चीन से बढ़ती नजदीकियों के बीच रिश्‍तों में कुछ दूरियां बनी थीं. 

'PM मोदी की यात्रा से और मजबूत होंगे संबंध' 

बालासुब्रमण्यम ने पिछले एक वर्ष में दोनों देशों के बीच रिश्‍तों में नई गर्मजोशी की चर्चा की. उन्‍होंने भारत की निरंतर और शांत कूटनीति, साथ ही विकास कार्यों में सहायता और जन-केंद्रित जुड़ाव की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा, 'भारत-मालदीव संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं. ये संबंध इतिहास, भूगोल और आपसी सद्भावना पर आधारित हैं, जो इस यात्रा के बाद और मजबूत होंगे.' 

मालदीव के सपनों में पंख लगा रहा है भारत 

बालासुब्रमण्यम ने कहा, 'भारत ने मालदीव में रक्षा मंत्रालय की इमारत बनाई है. हाल ही में लाइन ऑफ क्रेडिट बढ़ाने और कर्ज अदायगी को आसान बनाने की घोषणा भी की है.'

भारत-मालदीव सहयोग की बड़ी मिसाल है- ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, जिसके तहत एक 6.7 किलोमीटर लंबा समुद्री पुल बनाया जा रहा है, जो माले को तीन अन्य द्वीपों से जोड़ेगा. यह परियोजना 61% पूरी हो चुकी है और इसके जरिए मालदीव की आर्थिक संभावनाओं को नए पंख लगने की उम्मीद है.

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'455 मिलियन के प्रोजेट्स पूरे कर रहा भारत'

बालासुब्रमण्यम ने बताया, 'इसके अलावा भारत एयरपोर्ट्स के पुनर्निर्माण और अद्दू द्वीप में जल और सड़क परियोजनाओं में भी भागीदार है. 2017 से अब तक भारत ने 78 सामुदायिक परियोजनाएं पूरी की हैं, जिनकी लागत 455 मिलियन मालदीवियन रूफिया (मालदीव की करेंसी) रही है. इन परियोजनाओं में मछली प्रसंस्करण केंद्र, जिम और युवा केंद्र शामिल हैं.

'केवल कूटनीति या प्रोजेक्‍ट्स तक सीमित नहीं हैं रिश्‍ते' 

बालासुब्रमण्यम ने कहा, 'भारत और मालदीव के रिश्ते केवल कूटनीति या परियोजनाओं तक सीमित नहीं हैं. दोनों देशों के लोगों के बीच गहरा जुड़ाव है. मालदीव के नागरिक चिकित्सा और शिक्षा के लिए भारत जाते हैं, वहीं भारत की संस्कृति, खासकर बॉलीवुड और योग, मालदीव में बेहद लोकप्रिय हैं. उच्चायुक्त ने बताया कि भारतीय सांस्कृतिक केंद्र में भारतीय संगीत, नृत्य और भाषा की शिक्षा दी जाती है.'

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'भारत-मालदीव के रिश्‍ते चीन पर निर्भर नहीं'

जब भारत, चीन और मालदीव के त्रिकोणीय संबंधों पर सवाल हुआ तो उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत का रिश्ता मालदीव के साथ स्वतंत्र और ऐतिहासिक है और यह किसी तीसरे देश पर निर्भर नहीं करता.

उन्‍होंने बताया, दोनों देशों के बीच अब मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की बातचीत भी शुरू हो गई है. पहले से मौजूद SAFTA व्यवस्था से आगे जाकर, नया समझौता व्यापारिक संबंधों को और विस्तार देगा. भारत पहले से ही मालदीव के लिए सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में शामिल है.
 

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