विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन (China) के साथ भारत (India) की सीमा, (Line of Actual Control, LAC) पर हुई "कुछ सकारात्मक प्रगति" के बावजूद, हालात अभी भी सामान्य नहीं हैं. शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन से संबंधों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में यह कहा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दिल्ली में एक प्रेसवार्ता में कहा, " हालात अभी भी सामान्य नहीं हैं. कुछ सकारात्मक कदम उठाए गए हैं, लेकिन और अधिक की आवश्यकता है." रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि गलवान घाटी की घातक झड़प के दो साल बाद, भारत और चीन ने पिछले महीने ही LAC के कुछ विवादित क्षेत्रों से अपने सैनिकों को वापस बुलाया था.
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों पक्षों में 16 दौर की उच्चस्तरीय बातचीत के बाद सेना की वापसी की सहमति बनी थी. दोनों देशों ने "गोगरा-हॉट स्प्रिंग इलाके" से अपनी सेना को पीछे खींचा था. इस कदम को लद्दाख क्षेत्र में सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए जरूरी माना गया था.
भारत और चीन के बीच साल 2020 में आमने-सामने की झड़प में 20 भारतीय और 4 चीनी सैनिकों के मारे जाने के बाद, दोनों देशों ने लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में हजारों सैनिकों को तैनात किया था. दोनों बड़े एशियाई देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी. भारत और चीन के बीच 1962 में युद्द हो चुका है. इसके अलावा, लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैली सीमा पर कई बार तनाव की स्तिथी बन चुकी है.
दोनों देश लगातार एक दूसरे पर सीमा कब्ज़ाए जाने का आरोप लगाते रहते हैं. पिछले साल भारत और चीन ने पैंगॉन्ग लेक इलाके से भी सेना को पीछे बुलाया था लेकिन दूसरे इलाकों में तनाव बना रहा.