भारत की नकल उतारने में लगा है पाकिस्तान
ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया है. अब वो अपने यहां फल-फूल रहे आतंकी ठिकानों को लेकर दुनियाभर में चर्चा में है. सेना के ऑपरेशन में जहां एक तरफ 100 से अधिक आतंकी मारे गए थे, वहीं पाकिस्तान को भी बड़ा नुकसान हुआ था. पाकिस्तान इस बात से भी बौखलाया हुआ है. लेकिन इस बौखलाहट के बीच भी वह भारत की नकल करना नहीं छोड़ रहा है. बीते कुछ दिनों में ऐसे तीन मौके आए जब पाकिस्तान ने ये साबित किया कि वह भारत की नकल उतारने में लगा है. अब उसने भारत की तरह ही दुनिया के देशों के सामने अपना पक्ष रखने के लिए एक डेलिगेशन भेजने का फैसला किया है. खास बात ये है कि उसने ये आइडिया भी भारत से ही चुराया है. भारत ने पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करने और वहां पल और बढ़ रहे आतंकियों से दुनिया को रूबरू कराने के लिए सांसदों के डेलिगेशन को अलग-अलग देश भेजने का फैसला किया है. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर पाकिस्तान कब-कब भारत की नकल उतारी है...
भारतीय सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस को देख बुलाई अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस
ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी हर छोटी बड़ी जानकारी देने के लिए जब सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई तो पाकिस्तान को भी ये आइडिया आया कि वह भी ऐसा कर सकता है. पाकिस्तानी सेना ने भी देनों देशों के बीच जारी तनाव को लेकर ब्रिफिंग करने का फैसला किया. इसके बाद जितनी बार भारतीय सेना ने प्रेस ब्रिफिंग की उतनी ही बार पाक सेना ने भी ऐसा किया.कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना की ये प्रेस कॉन्फ्रेंस सेनाध्यक्ष असिम मुनीर के इशारे पर ही हुई थी.
पीएम मोदी को देख जब अपनी सेना से मिले शहबाज
पाकिस्तान में सिर्फ सेना ही भारत की नकल नहीं उतार रही है. इस कड़ी में तो वहां के पीएम भी खड़े नजर आते हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना को हौसला बढ़ाने जब पीएम मोदी सैनिकों के बीच गए तो पाकिस्तानी पीएम ने भी ऐसा करने का मन बनाया.वो भी अपनी सेना के बीच पहुंचे और उन्हें संबोधित किया. लेकिन उनका ये भाषण और सेना के बीच जाने का फैसला, पीएम मोदी के कार्यक्रम के बाद ही हुआ.
अब पाकिस्तान भी भेजेगा डेलिगेशन
अब खबर आ रही है कि पाकिस्तान भी दुनिया के अलग-अलग देशों में अपने सांसदों का एक डेलिगेशन भेजने की तैयारी में है. इस डेलिगेशन का काम दुनिया के सामने पाकिस्तान का पक्ष रखने की होगी. इस डेलिगेश की अगुवाई बिलावल भुट्टो जरदारी करेंगे. पाकिस्तान ने बिलावल के नेतृत्व में एक समिति भी गठित की है. इसमें पूर्व मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान, हिना रब्बानी और पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी भी शामिल हैं. खास बात ये है कि पाकिस्तान का ये फैसला भी भारत द्वारा डेलिगेशन भेजे जाने के फैसले के बाद ही आया है.