संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल (United Nations Interim Security Force) में भारतीय बटालियन के हिस्से के रूप में भारत आज सूडान के अबेई क्षेत्र में महिला शांति सैनिकों की एक पलटन को तैनात करेगा. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, यह यूएन मिशन में महिला शांति सैनिकों की भारत की सबसे बड़ी एकल इकाई होगी, इससे पहले भारत ने 2007 में लाइबेरिया में पहली बार पूरी तरह से महिलाओं की टुकड़ी (All-women contingent) को तैनात किया था.
बता दें, वर्ष 2007 में, संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए पूरी तरह से महिलाओं की टुकड़ी को तैनात करने वाला भारत पहला देश बना था. लाइबेरिया में गठित पुलिस यूनिट ने 24 घंटे गार्ड ड्यूटी प्रदान की, राजधानी मॉनरोविया (Monrovia)में रात्रि गश्त की, और लाइबेरिया पुलिस की क्षमता बढ़ाने में मदद की थी. विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय दल में दो अधिकारी और 25 अन्य रैंक शामिल हैं, ये एक Engagement platoon का हिस्सा बनेंगे, इसके साथ ही ये सुरक्षा संबंधी व्यापक कार्य भी करेंगे. भारतीय दल की मौजूदगी का अबेई (Abyei)में स्वागत किया जाएगा क्योंकि क्षेत्र में हाल में समय में हिंसा में आई तेजी ने महिलाओं और बच्चों के लिए चुनौतीपूर्ण मानवीय चिंताओं को बढ़ाने का काम किया है. विज्ञप्ति के अनुसार, अबेई में भारत के शांति रक्षक टुकड़ियों की तैनाती, भारतीय महिलाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि करने के भारत के इरादे को भी अभिव्यक्त करेगी.
सुरक्षा परिषद ने 27 जून 2011 के अपने संकल्प 1990 (Resolution 1990) द्वारा संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल (UNISFA) की स्थापना करके सूडान के अबेई में तात्कालिक स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया था. सुरक्षा परिषद ने अबेई में हिंसा और तनाव बढ़ने और जनसंख्या विस्थापन को लेकर गंभीर चिंता का इजहार किया था.
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