Australia : नए मंत्रीमंडल में महिलाओं का बोलबाला, रिकॉर्ड संख्या में हुईं हैं शामिल

 प्रधानमंत्री एंटनी अल्बानीज़ (PM Anthony Albanese) के नए मंत्रीमंडल में धार्मिक अल्पसंख्यक (Religious Minority) हैं और आदिवासी मूलनिवासी (Indigenous Aboriginal) भी हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपने 23 सदस्यीय मंत्रीमंडल 10 महिलाओं (Women) को शामिल किया है.

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ऑस्ट्रेलिया (Australia) के नए मंत्रीमंडल में कुल 10 महिलाएं शामिल हुईं हैं.
सिडनी:

ऑस्ट्रेलिया( Australia) के नए मंत्रीमंडल का गठन हो गया है. प्रधानमंत्री एंटनी अल्बानीज़ (Prime Minister Anthony Albanese) ने अपनी विविधता से भरी कैबिनेट में रिकॉर्ड संख्या में महिलाओं (Women) को शामिल किया है. रॉयटर्स के अनुसार, प्रधानमंत्री एंटनी अल्बानीज़ की टीम में धार्मिक अल्पसंख्यक हैं और आदिवासी मूलनिवासी भी हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपने 23 सदस्यीय मंत्रीमंडल 10 महिलाओं को शामिल किया है. इससे पहले स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) की उदारवादी-राष्ट्रवादी (Liberal-National)गठबंधन सरकार में 7 महिलाएं शामिल थीं.  

राष्ट्रीय राजधानी कैनबरा (Canberra) में हुए एक समारोह में इंडस्ट्री मिनिस्टर एड हूसिक और यूथ मिनिस्टर एन एली ऑस्ट्रेलिया में पहली बार मुस्लिम केंद्रीय मंत्री बने जबकि लिंडा बर्नी- कंगारू की खान का गमछा डाले हुए पहली आदिवासी मूलनिवासी महिला बनीं जिनके पास मूलनिवासी ऑस्ट्रेलियाई लोगों का मंत्रालय आया. 

21 मई को हुए चुनाव के दो दिन बाद अल्बानीज़ ने एक अंतरिम मंत्रालय बनाया था जिसमें 4 अन्य अहम सदस्यों को शामिल किया गया ताकि वो तोक्यो में क्वाड मीटिंग में शामिल हो सकें. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और जापान और भारत के नेता शामिल हुए थे. 

अंतरिम मंत्रालय में उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्ल्स को रक्षा मंत्रायल सौंपा गया है. डॉन फैरेल को नया व्यापार मंत्री और तान्या प्लिबरसेक को पर्यावरण मंत्रालय सौंपा गया है. क्लैर ओ नील को गृह मंत्रालय और क्रिस बोवेन को ऊर्जा मंत्रालय सौंपा गया है. अल्बानीज़ ने मंगलवार को कहा कि लेबर पार्टी अपने अधिकारों की सीमा में सरकार चलाएगी. निचले सदन की 151 सीटों में लेबर पार्टी को 77 सीटें मिली हैं. इससे लेबर पार्टी ने पर्यावरण पर ध्यान देने वाली इंडीपेंडेंट्स और ग्रीन्स की सहायता के बिना बहुमत से सरकार बनाई है.  

हालांकि किसी भी कानून को पारित करवाने के लिए लेबर पार्टी को उच्च सदन में अभी भी मदद की ज़रूरत होगी. 

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