पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) से कहा कि उनके खिलाफ हत्या के तीसरा प्रयास का षड्यंत्र रचा गया है. खान ने अपने खिलाफ दर्ज सभी राजनीतिक मामलों को खारिज किए जाने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि अदालत में नियमित पेशी से उनके जीवन को खतरा होगा. खान ने अदालत में एक याचिका दायर कर राजद्रोह, ईशनिंदा, हिंसा और आतंकवाद भड़काने जैसे विभिन्न आरोपों में देश के विभिन्न शहरों में उनके खिलाफ दर्ज सभी 121 मामलों को रद्द किए जाने का अनुरोध किया है.
याचिका के अनुसार, ये मामले राजनीतिक आधार पर बनाए गए हैं. खान (71) कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत के समक्ष पेश हुए. उन्होंने मामले की सुनवाई के दौरान अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें बोलने की अनुमति दी जाए. अदालत ने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष खान ने अदालत से कहा कि उनकी जान को खतरा है.
अदालत के एक अधिकारी ने खान के हवाले से कहा, ‘‘अदालत में नियमित रूप से पेश होने से मेरा जीवन खतरे में पड़ जाएगा. मैं हत्या के दो प्रयासों में बच गया. एक प्रयास पंजाब के वजीराबाद और दूसरा इस्लामाबाद न्यायिक परिसर में हुआ, जहां आईएसआई ने इमारत की कमान संभाली थी.'' खान ने अदालत से कहा, ‘‘वे मुझे मारना चाहते हैं और हत्या का तीसरा प्रयास होने वाला है.''
उन्होंने कहा कि उनके जीवन के 70 साल में उनके खिलाफ एक भी मामला नहीं था और ये सभी मामले पिछले साल अप्रैल में उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद दायर किए गए. अधिकारी ने बताया कि न्यायमूर्ति अली बकर नजफी की अगुवाई वाली अदालत की पांच सदस्यीय पीठ ने खान को पांच मई को इन मामलों की पुलिस जांच में शामिल होने का निर्देश दिया. अधिकारी ने कहा, ‘‘अदालत ने वीडियो लिंक के माध्यम से पुलिस जांच में शामिल होने के खान के अनुरोध पर विचार नहीं किया. अदालत आठ मई को सुनवाई फिर से शुरू करेगी.'' इससे पहले, खान ने दावा किया था कि उन्होंने एक वीडियो में देश में कुल छह लोगों की पहचान की है जो उनकी हत्या करना चाहते हैं.
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