पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने एक विशेष अदालत द्वारा गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने और देश के कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में ‘‘जल्दबाजी'' में दोषी ठहराए जाने के खिलाफ बुधवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की. उन्होंने इस आदेश को ‘‘अवैध और गैरकानूनी'' घोषित करने का अनुरोध किया है.
इमरान खान (71) और उनके करीबी सहयोगी पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (67) को सोमवार को विशेष अदालत के न्यायाधीश ने रावलपिंडी की अडियाला जेल में हुई सुनवाई के दौरान गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के आरोप में दोषी ठहराया था. जेल में बंद दोनों नेताओं के लिए यह एक और झटका था जिन्हें मामले में मौत की सजा हो सकती है.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान ने अपने वकील सलमान सफदर के माध्यम से इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की, जिसमें अटॉर्नी जनरल और गृह मंत्रालय के सचिव यूसुफ नसीम खोखर को प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया है.
उन्होंने याचिका में दलील दी कि न्यायाधीश ने ‘‘जल्दबाजी'' में आदेश दिया. याचिका में कहा गया, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि न्यायाधीश की ओर से आरोप तय करने और सुनवाई समाप्त करने में हड़बड़ी दिखाई गई. यह ध्यान दिया जा सकता है कि आरोपपत्र हाल में अदालत में दाखिल किया गया और इसके शीघ्र निष्कर्ष के लिए या दिन-प्रतिदिन सुनवाई करने के लिए कोई निर्देश नहीं है.''
उन्होंने कहा कि विशेष अदालत ने शासकीय गोपनीयता अधिनियम की धारा 5 के तहत आरोप तय किए थे, जो ‘‘कानून का सरासर उल्लंघन है.'' खान ने दलील दी कि न्यायाधीश ने मुख्य दस्तावेजी साक्ष्य की गैरमौजूदगी में आरोप तय करके बिलकुल अवैध सुनवाई की.
याचिका में उच्च न्यायालय से आरोप तय करने की ‘‘जल्दबाजी में की गई कवायद'' को ‘‘अवैध, गैरकानूनी और दंड प्रक्रिया संहिता के स्थापित सिद्धांतों के खिलाफ'' घोषित करने का आग्रह किया गया.
पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में देश के दूतावास द्वारा भेजे गए एक गोपनीय राजनयिक दस्तावेज का खुलासा करके शासकीय गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में खान के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद अगस्त में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने 30 सितंबर को खान और कुरैशी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जिन्होंने इसकी प्रतियों पर हस्ताक्षर किए.
इस बीच, इस्लामाबाद स्थित आतंकवाद रोधी अदालत ने संघीय न्यायिक परिसर (एफजेसी) के बाहर हिंसा से संबंधित एक मामले में खान की पार्टी के नौ नेताओं के लिए स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किया.
खान और उनकी पार्टी के कई नेता अप्रैल 2022 में पार्टी के सत्ता से बाहर होने और नौ मई की हिंसा के बाद से कई मामलों का सामना कर रहे हैं. पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बाहर होने के बाद से खान के खिलाफ 150 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
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