नेताओं और सिस्‍टम की लूट ने पाकिस्‍तान को किया कैसे बर्बाद,  IMF रिपोर्ट ने बताया हर सच 

रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि अमीर लोगों ने देश के शासन पर कब्‍जा कर रखा है और यही भ्रष्टाचार का सबसे नुकसानदायक रूप है. ये प्रभावशाली लोग खास अधिकार वाली संस्थाओं से जुड़े हैं जो मुख्य आर्थिक सेक्टर पर असर डालती हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • IMF की 186 पन्नों की रिपोर्ट में पाकिस्तान में भ्रष्टाचार की गंभीर स्थिति और शासन की नाकामियां उजागर हुईं.
  • रिपोर्ट में बताया गया है कि भ्रष्टाचार पाकिस्तान की आर्थिक और सामाजिक विकास को बाधित कर रहा है.
  • अमीर वर्ग के प्रभावशाली लोगों ने सरकारी संस्थाओं पर कब्जा कर रखा है, जिससे आर्थिक नीतियों में भ्रष्टाचार बढ़ा.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली:

आतंकियों के अड्डे पाकिस्‍तान में किस तरह से भ्रष्‍टाचार हावी है और फंड का गलत प्रयोग हो रहा है, यह बात अब अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की एक नई असेसमेंट रिपोर्ट में सामने आ गई है. इस रिपोर्ट में इस बात की जानकारी पूरे विस्‍तार से दी गई है कि पाकिस्‍तान में भ्रष्‍टाचार किस कदर घुस गया है. 186 पन्‍नों की यह रिपोर्ट पाकिस्‍तान में मौजूद शासन की नाकामियों को सामने लाती है. साथ ही एक चेतावनी की तरह भी है जो बताती है कि देश के राजनीतिक और आर्थिक ढांच में किस तरह से भ्रष्‍टाचार हावी हो चुका है. 

सब जगह हावी भ्रष्‍टाचार 

आईएमएफ की गवर्नेंस और करप्शन डायग्नोस्टिक रिपोर्ट पाकिस्तान में भ्रष्‍टाचार को 'लगातार और नुकसान पहुंचाने वाला' बताया गया है. यह भ्रष्‍टाचार इस तरह से सिस्‍टम की ताकत बन चुका है कि अब देश के विकास को ही कमजोर कर रहा है. यह मार्केट को खराब कर रही है और साथ ही साथ पब्लिक इंस्टीट्यूशन को खोखला करने में लगा है. ये नतीजे अब तक की सबसे डरावनी तस्वीरें दिखाते हैं कि कैसे शासन में अमीर लोगों का कब्‍जा है और किस तरह से वो सरकार के फैसले लेने की क्षमता को प्रभावित करके उसे कमजोर करने में लगे हैं. 

खास अधिकार वालों का कब्‍जा 

रिपोर्ट को तैयार करने वाली टीम ने साफ-साफ लिखा है, 'करप्शन पाकिस्तान के मैक्रो-इकोनॉमिक और सोशल डेवलपमेंट में रुकावट डाल रहा है क्योंकि यह पब्लिक फंड को दूसरी जगह भेज रहा है, मार्केट को बिगाड़ रहा है, सही कॉम्पिटिशन में रुकावट डाल रहा है, लोगों का भरोसा कम कर रहा है और घरेलू और विदेशी इन्वेस्टमेंट को रोक रहा है.' इस रिपोर्ट में दो दशकों के गवर्नेंस इंडिकेटर्स का जिक्र किया गया है जो पाकिस्तान को करप्शन को कंट्रोल करने में दुनिया के सबसे खराब परफॉर्मर में से एक बनाते हैं. 

खराब टैक्‍स सिस्‍टम 

रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि अमीर लोगों ने देश के शासन पर कब्‍जा कर रखा है और यही भ्रष्टाचार का सबसे नुकसानदायक रूप है. ये प्रभावशाली लोग खास अधिकार वाली संस्थाओं से जुड़े हैं जो मुख्य आर्थिक सेक्टर पर असर डालती हैं जिनमें से कई तो ऐसी हैं जो सरकार से खुद जुड़ी हुई हैं. एक चौंकाने वाले आंकड़े में, IMF ने बताया है कि जनवरी 2023 और दिसंबर 2024 के बीच, पाकिस्तान ने भ्रष्टाचार से जुड़ी रिकवरी में 5.3 ट्रिलियन रुपये की जानकारी दी. रिपोर्ट के अनुसार यह एक ऐसा आंकड़ा है जो अर्थव्यवस्था को हुए असल नुकसान का सिर्फ कुछ ही हिस्‍सा दिखाता है. देश में टैक्‍स सिस्‍टम इतना कमजोर है कि बड़े लोग आसानी से निकल जाते हैं जबकि छोटे लोगों पर शिकंजा कस जाता है. 

न्‍यायिक व्‍यवस्‍था भी कमजोर 

एनालिसिस रिपोर्ट के अनुसार यह संख्या बिना हिसाब-किताब वाले घूस के एक बहुत बड़े पूल का 'एक छोटा सा हिस्‍सा' है, जो 'भ्रष्टाचार के पूरे असर को मापने में लगातार नाकामी' की ओर इशारा करता है. रिपोर्ट में पाकिस्तान के ज्यूडिशियल सिस्टम की बहुत तीखी आलोचना की गई है. आईएमएफ ने इसे 'ऑर्गेनाइजेशनली कॉम्प्लेक्स', धीमा और पॉलिटिकल दखल के लिए कमजोर बताया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि करप्शन परसेप्शन सर्वे में लगातार ज्यूडिशियरी और पुलिस को सबसे भ्रष्ट संस्थाओं में गिना जाता है. फंड नेशनल सर्वे डेटा का हवाला देता है जिसमें 68 फीसदी पाकिस्तानियों का मानना ​​है कि एंटी-करप्शन बॉडीज का प्रयो पॉलिटिकल विक्टिमाइजेशन के लिए किया जाता है, जिससे लोगों का भरोसा और बढ़ता है. 

निवेश हो रहा है बाहर  

IMF को टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन से लेकर सार्वजनिक खरीद, सरकारी कंपनियों , कस्टम्स और कैपिटल खर्च तक, सरकारी कामकाज में बड़ी कमजोरियां मिली हैं. यह नीति और नीतिगत फैसलों को लागू करने के बीच लगातार बढ़ते अंतर को दिखाता है. इसमें आर्थिक फैसलों में बहुत ज्‍यादा मनमानी, कमजोर ट्रांसपेरेंसी और पार्लियामेंट की मंजूरी से मिले सरकारी फंड्स का बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल के बारे में भी बताया गया है. रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि GDP के 48 फीसदी के बराबर एसेट्स वाली सरकारी कंपनियों पर दबदबा, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है. साथ ही प्राइवेट निवेश को बाहर करता है और राजनीतिक तौर पर जुड़ी एंटिटीज को मार्केट और रेंट पर कब्जा करने देता है. 

Advertisement

अगर सुधर जाए पाकिस्‍तान तो... 

आईएमएफ के अनुसार अगर पाकिस्तान शासन सुधारों को बढ़ावा देता है तो वह पांच साल के अंदर GDP में 5 से 6.5 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकता है. लेकिन सुधारों के बिना, पाकिस्तान आर्थिक ठहराव और बाहरी आर्थिक मदद पर ही निर्भर रहेगा. इस रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया है कि पाकिस्तान आर्थिक तौर पर कमजोर, राजनीतिक तौर पर अस्थिर और हमेशा बेलआउट पर निर्भर रहने वाला देश है. 

Featured Video Of The Day
Delivery Vehicles Ban: 1 January 2026 से Noida में Petrol-Diesel से चलने वाले डिलीवरी वाहन होंगे बंद
Topics mentioned in this article