अफगानिस्तान में हिंसा नहीं रुकी तो अभूतपूर्व संख्या में होगी लोगों के जीवन की क्षति: संयुक्त राष्ट्र

रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अगर 2021 में अफगानिस्तान में उल्लेखनीय रूप से हिंसा में कमी नहीं आई तो 2009 में यूएनएमए की शुरुआत से लेकर अब तक एक साल में सबसे ज्यादा सैन्य नागरिकों की मौत दर्ज हो सकती है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
संयुक्त राष्ट्र:

संयुक्त राष्ट्र (United Nation) )ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान (afghanistan) में हिंसा में यदि उल्लेखनीय रूप से कमी नहीं हुई तो इस युद्धग्रस्त देश में पिछले एक दशक के दौरान वर्ष 2021 में सबसे ज्यादा असैन्य नागरिकों के मारे जाने की आशंका है. ‘अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता अभियान' (यूएनएमए) की साल 2021 की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल अब तक 5,183 सैन्य नागरिक या तो मारे गए हैं या घायल हुए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 1,659 लोगों की मौत हुई है और 3,524 लोग घायल हुए हैं, जो कि इसी दौरान 2020 की तुलना में 47 प्रतिशत ज्यादा है.

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रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अगर 2021 में अफगानिस्तान में उल्लेखनीय रूप से हिंसा में कमी नहीं आई तो 2009 में यूएनएमए की शुरुआत से लेकर अब तक एक साल में सबसे ज्यादा सैन्य नागरिकों की मौत दर्ज हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया कि एक मई से अब तक मारे गए या घायल हुए असैन्य नागरिकों की संख्या में वृद्धि चिंता का कारण है. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय फौजें अफगानिस्तान से जा रही हैं और तालिबान के फिर से मजबूत होने से लड़ाई तेज हो गई है.

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अफगानिस्तान के लिए महासचिव की विशेष प्रतिनिधि डेबोराह लीयोंस ने कहा, “मैं तालिबान और अफगान नेताओं से आग्रह करती हूं कि वे युद्ध की गंभीरता और नागरिकों पर पड़ने वाले इसके प्रभाव का संज्ञान लें. रिपोर्ट में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि हिंसा को नहीं रोका गया तो अभूतपूर्व संख्या में अफगान नागरिकों के जीवन की क्षति होगी.”

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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