शिंजो आबे (Shinzo Abe) की हत्या में हाथ से बनाई शॉटगन (Shotgun) के प्रयोग होने की बात सामने आ रही है लेकिन ऐसा ही भी हो सकता है कि शायद से 3D प्रिंटिंग (3D Printing) तकनीक से इसे बनाया हो. अभी तक इसे लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है. स्थानीय मीडिया ने शिंजो आबे के हत्यारे की पहचान 41 साल के तेतसुया यामागामी के तौर पर की है. पुलिस के सूत्रों के अनुसार कई मीडिया आउटलेट्स हत्यारे को देश की नौसेना के मैरिटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स का सदस्य बता रहे हैं.
इस शॉटगन के वीजुअल में दिखता है कि जैसे दो बड़े मेटल के बैरल किसी हार्ड बोर्ड पर काले टेप से चिपकाए गए हों. यह शॉटगन कैसे काम करती थी इसका खुलासा जांच के बाद होना अभी बाकी है. लंबे समय से सुरक्षा एजेंसिया अमेरिका समेत कई देशों में 3D प्रिंटर्स से बनाई बंदूक के खतरे के बारे में बात करती हैं. जून 2019 में ब्रिटेन ने 26 साल के एक व्यक्ति टेंडाई मुसवेरे (Tendai Muswere) को आरोपी ठहराया था. उस पर 3D प्रिंटर से घातक हथियार बनाने का आरोप था. पुलिस ने कहा था कि उन्हें विश्वास है कि पहली बार ब्रिटेन में किसी को 3D प्रिंटर से बनी बंदूक बनाने के लिए सजा दी गई थी.
3D- प्रिंटेड बंदूक कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए बड़ी दिक्कत रही हैं. क्योंकि उन्हें नियमों को धता बता कर कहीं भी बनाया जा सकता है. साथ ही उन्हें कहीं भी छिपा दिया जा सकता है. अगर सच में जापान में शिंजो आबे के हत्यारे ने 3D-प्रिंटेड बंदूक का प्रयोग किया है तो सवाल यह उठता है कि वह कैसे शिंजो आबे के सुरक्षा घेरे को तोड़ कर शॉटगन को शिंजो आबे के नज़दीक ले जाने में सफल रहा?
67 साल के नेता शिंजो आबे जापान के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले नेता रहे. इससे पूरे जापान और दुनिया भर में शोक की लहर है. यह इस कारण और भी झटका देने वाला था क्योंकि जापान में सख्त बंदूक कानून हैं. प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने इस कृत्य को बर्बर कहते हुए निंदा की है. उन्होंने कहा है कि इसे "बिल्कुल माफ नहीं किया जा सकता".