लंदन स्थित समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) ने बुधवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि दुनिया भर में मानवाधिकार (Human rights) दशकों में सबसे गंभीर खतरों का सामना कर रहे हैं. संगठन ने गाजा और यूक्रेन में संघर्षों के साथ-साथ सत्तावादी सरकारों पर कहा कि वोअंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन और मौलिक अधिकारों की उपेक्षा कर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
एमनेस्टी के महासचिव एग्नेस कैलमार्ड ने कहा, "गाजा में नरसंहार को रोकने में उनके सहयोगियों की विफलता के चलते इजरायल लगातार अंतरराष्ट्रीय कानून की उपेक्षा कर रहा है. यूक्रेन पर रूस का आक्रामण, विश्व में सशस्त्र संघर्षों की बढ़ती संख्या और बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन देखा गया है. उदाहरण के लिए, सूडान, इथियोपिया और म्यांमार में वैश्विक नियम-आधारित व्यवस्था के खत्म होने का खतरा है."
एक प्रेस विज्ञप्ति में एमनेस्टी ने कहा, "रिपोर्ट ब्रिटेन और जर्मनी जैसे यूरोपीय देशों के विचित्र दोहरे मानकों को भी उजागर करती है, रूस और हमास द्वारा युद्ध अपराधों के बारे में उनके सुस्थापित विरोध को देखते हुए, साथ ही वे इस संघर्ष में इजरायली और अमेरिकी अधिकारियों की कार्रवाइयों का समर्थन करते हैं."
वैश्विक मानवाधिकार स्थिति में गिरावट के लिए यूक्रेन में युद्ध का बहुत बड़ा योगदान है. रिपोर्ट में कहा गया है, "रूसी और यूक्रेनी दोनों सेनाओं ने अपने नागरिकों के लिए स्थायी जोखिमों के बावजूद क्लस्टर हथियारों का इस्तेमाल किया." कैलमार्ड ने कहा, "एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट चिंताजनक मानवाधिकार दमन और बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय नियम-तोड़ने की निराशाजनक तस्वीर पेश करती है, यह सब गहरी होती वैश्विक असमानता, सर्वोच्चता के लिए होड़ करने वाली महाशक्तियों और बढ़ते जलवायु संकट के बीच है."