इस देश में Corona के 6 लाख मामले एक दिन में, फिर भी कैसे जीत रहा महामारी से?

एक दिन में कोरोना (Corona) के इतने नए मामले सामने आने के बाद इसे महामारी (Pandemic) के हालात अनियंत्रित हो जाने का संकेत माना जाएगा और इसके बाद मौत का आंकड़ा (Death Rate) बढ़ने लगता है. लेकिन छोटे से देश साउथ कोरिया (South Korea) में स्तिथी थोड़ी जटिल है.  

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Coronavirus के मामले South Korea में तेजी से बढे़ हैं (प्रतीकात्मक तस्वीर)

दक्षिण कोरिया (South Korea) में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के मामले में दो परस्पर विरोधाभासी मुकाम देखने को मिल रहे हैं. एक तरफ गुरुवार को दक्षिण कोरिया में कोरोना के नए संक्रमण के 6 लाख नए मामले सामने आए, यह दुनिया में सबसे अधिक था. इसी समय दुनिया में सबसे कम कोरोना से मृत्यु दर (Death Rate) साउथ कोरिया में है. दुनिया में कहीं भी एक दिन में कोरोना के इतने नए मामले सामने आने के बाद इसे कोरोना के हालात अनियंत्रित हो जाने का संकेत माना जाएगा और इसके बाद मौत का आंकड़ा बढ़ने लगता है. लेकिन छोटे से देश साउथ कोरिया में स्तिथी थोड़ी जटिल है.  

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना के नए मामलों के आसमान छूटे आंकड़े एक तरफ लगातार मास टेस्टिंग (Mass Testing) की ओर इशारा करते हैं, साउथ कोरिया में महामारी से लड़ रहे विशेषज्ञों का कहना है कि यही दक्षिण कोरिया में कोरोना से मौत की दर कम होने का सबसे प्रमुख कारण है. जबकि दुनिया में कई जगह कोविड (Covid19) की मास टेस्टिंग करना छोड़ दिया गया है.  

लगातार आधिकारिक तौर से अधिकतर संक्रमण पहचान लेने से ही साउथ कोरिया खतरे में मौजूद मामलों की पहचान कर लेता है और पहले से ही बचाव का उपचार शुरू कर देता है या मरीज की हालत बिगड़ने से पहले ही उसे अस्पताल में भर्ती कर दिया जाता है.  

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वैक्सीनेशन और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग 

साउथ कोरिया में 88% की वैक्सीनेशन (Vaccination) दर है. यह दुनिया में बूस्टर शॉट (Booster Shot) लेने की सबसे अधिक दर है, खासकर उम्रदराज़ लोगों में. इससे मृत्यु दर घट कर केवल 0.14% रह जाती है. यह अमेरिका (US) और ब्रिटेन (UK) की तुलना में 1/10 है. दो महीने पहले यहां कोरोना से मृत्युदर  0.88% थी. यहां इसी समय कोरोना के मामले 8 गुणा बढ़े लेकिन मृत्यु दर घटी है.  

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महामारी के लेकर दक्षिण कोरिया में रुढिवादिता शुरू से ही नहीं देखी गई, कोरोना की शरुआत से ही ऐसा है. दक्षिण कोरिया पिछली महामारियों से सीख लेकर सबसे पहले रैपिड टैस्टिंग और हाई टेक कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की तकनीक की शुरुआत करने वाला देश था.  दक्षिण कोरिया में 2020 की शुरुआत से 8 मिलियन कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं लेकिन कोरिया को कभी लॉकडाउन करने की ज़रूरत नहीं पड़ी. दक्षिण कोरिया ने धीमी गति से हो रहे टीकाकरण से निपटने के लिए अपनी सप्लाई की प्राथमिकताएं तय कीं और इसमें सबसे पहले वृद्ध लोगों को टीका लगाया जा रहा है.    

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टेस्टिंग पर फोकस अब अधिक महंगा है. दक्षिण कोरिया अब तक पीसीआर टेस्टिंग पर $1.3 बिलियन खर्च कर चुका है.  कोरिया की डिसीज़ कंट्रोल और प्रिवेंशन एजेंसी ने कहा कि अब उसके पास प्रति दिन एक मिलियन पीसीआर टेस्ट करने की क्षमता है.  
 

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