Iran-Israel War: ईरान ने मंगलवार को इजरायल पर हमला किया और दुनिया में एक बार फिर तनाव का माहौल बन गया है. ईरान की तरफ से 200 के करीब मिसाइल इजरायल (Iran missile attack on Israel) की ओर दागी गईं. इससे पहले इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह (Israel attack on Hezbollah) को निशाना बनाते हुए बमबारी की थी जिसमें हिजबुल्लाह के कई वरिष्ठ लड़ाके मारे गए. इस हमले में ईरान का का एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर मारा गया था. लेबनान पर हमला करने से पहले पिछले साल 7 अक्तूबर को गाज़ा की ओर से आए हमास के लड़ाकों के हमले के बाद से इजरायल ने गाज़ा पर भीषण हमला जारी रखा है. इजरायल के इन हमलों से पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव का माहौल बना हुआ है. इससे पहले भी इजरायल पर यह आरोप लगाया गया है कि उसने 31 जुलाई को ईरान के भीतर राजधानी तेहरान में एक हमला कर हमास के प्रमुख इस्माइल हानिये को मार गिराया था. अब ईरान के हमले के बाद से पूरे इलाके में तनाव चरम पर है.
अमेरिका खड़ा है इजरायल के साथ
अमेरिका की ओर से भी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ कर दिया है कि वह इजरायल के साथ खड़ा है. अमेरिका के बाद फ्रांस,ब्रिटेन, कनाडा की ओर से भी साफ कर दिया गया है कि वे इजरायल के साथ हैं.
इजरायल ने किया बदले का ऐलान
इजरायल ने साफ कर दिया है कि हमला कर ईरान ने बड़ी गलती कर दी है और ईरान को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और वह ईरान पर जवाबी कार्रवाई जरूर करेगा. इजरायल ने कहा है कि इसके लिए समय, स्थान वह खुद तय करेगा. यहां यह बताना जरूरी है कि इजरायल ने दावा किया है कि ईरान के हमले में किसी भी इजरायली नागरिक की मौत नहीं हुई है. कुछ इमारतों को नुकसान जरूर हुआ है. उसने पूरी तरह से ईरान के हमले को नाकाम कर दिया है.
क्या करते हैं जानकार
मामले के जानकार लोगों का कहना है कि ईरान का हमला बड़ा ही सोचा-समझा था. कहा जा रहा है कि ईरान ने भी हमले में यह ध्यान रखा कि किसी प्रकार से तनाव ज्यादा न बढ़े. वहीं, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि इजरायल का हमला क्या होगा इसके बारे में अभी कुछ भी कहा नहीं जा सकता है.
ईरान ने क्यों किया हमला
जानकारों का कहना है कि ईरान किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं दिखना चाहता था. अपने साथी देशों के सामने ईरान को मजबूत दिखने की जरूरत महसूस हो रही थी इसलिए ईरान ने इस प्रकार का हमला किया.
कुछ रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि अमेरिका ने इजरायल को ईरान की ओर से होने वाले हमले के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था.
इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि इजरायल भी सीमित दायरे में हमला कर जवाब दे जैसा कि अप्रैल में किया था. अप्रैल में इजरायल ने दमस्कस स्थित दूतावास पर हमला किया था.
कहां और क्या कर सकता है इजरायल
कुछ जानकारों का कहना है कि इजरायल इस बार ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकता है. खास बात यह है कि कई यूरोपियन देश अमेरिका के साथ मिलकर इजरायल के खुले समर्थन में आ गए हैं.
अब प्रश्न यह बन गया है कि इजरायल किन टारगेट पर हमला करेगा. इजरायल की ओर से जो भी इशारा आ रहा है उसके अनुसार इजरायल के पास सभी रास्ते खुले हुए हैं. इनमें ईरान के परमाणु प्रतिष्ठान, तेल उत्पादन के केंद्र या फिर सैन्य अधिकारियों के साथ-साथ ईरान के सैन्य ठिकानों को टारगेट किया जा सकता है.
ईरान का परमाणु कार्यक्रम
बता दें कि ईरान के दो प्रमुख परमाणु केंद्र हैं. एक नतांज यूरेनियम एनरिचमेंट कॉमप्लेक्स और दूसरा इश्फान न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी सेंटर है.
कितना घातक हो सकता है हमला
जानकारों का कहना है कि ईरान पर घातक हमला मामले को बढ़ा सकता है और तनाव बढ़ जाएगा. परिणाम यह भी हो सकता है कि भविष्य में किसी बड़े हमले को टालने के लिए ईरान परमाणु हथियार पर और केंद्रित प्रयास कर सकता है.
यह भी साफ है कि अमेरिका की ओर से राष्ट्रपति बाइडेन ने कह दिया है कि अमेरिका किसी भी प्रकार से ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमले के खिलाफ है.