Explainer : India और China में 'सच का सामना' करेगा कैसे Elon Musk का Twitter?

पिछले साल 2021 में ट्विटर (Twitter) सबसे अधिक ब्लॉक्ड सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म (Most blocked social media platform) रहा, जिसे कुल 12, 379 घंटे बंद रखा गया. आने वाले सालों में इस सवाल का इंतजार रहेगा कि इलॉन मस्क (Elon Musk) कैसे ट्विटर (Twitter) को अमेरिका (US) ही नहीं दुनिया में स्वतंत्र अभिव्यक्ति (Free Speech) के लिए खुला रख पाएंगे. 

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Elon Musk के Twitter के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बचाना कितना मुश्किल?

इलॉन मस्क (Elon Musk) ट्विटर (Twitter) के मालिक बनने के बाद शायद अमेरिकी राजनैति में दखल दे सकते है लेकिन उन्हें सबसे बड़ी चुनौती प्रशांत सागर के दूसरी तरफ से मिल सकती है. एशिया (Asia) जो जहां दुनिया की आधी आबादी से अधिक रहती है, वहां ट्विटर के विकास की सबसे अधिक संभावनाएं हैं. लेकिन अगर टेस्ला (Tesla) और स्पेस एक्स (Space X) के अरबपति मालिक ट्विटर से सेंसरशिप हटाने की बात करते हैं तो उन्हें अधिक नियंत्रण चाहने वाली सरकारों से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जो पहली बार के इंटरनेट यूजर पर कई पाबंदियां लगाए बैठे हैं.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार,  आंकड़े बताते हैं कि इलॉन मस्क की सबसे बड़ी चुनौती विदेशों में हैं. 2021 में ट्विटर पर हर दिन एक्टिव यूजर 179 मिलियन थे.  इसमें से अमेरिका में 38 मिलियन और बाकी दुनिया में 179 मिलियन रहे. एक पब्लिक कंपनी के तौर पर ट्विटर ने बार-बार कहा कि उसे स्थानीय नियमों को मानना चाहिए. लेकिन दुनिया के सबसे अमीर आदमी के हाथ में निजि नियंत्रण आने से इलॉन मस्क इसका तोड़ निकालने की कोशिश करेंगे और इसकी सफलता या विफलता के भागीदार बनेंगे.  

ऑस्ट्रेलिया के लोई इंस्टिट्यूट थिंक टैंक के जेजे रोज़ कहते हैं, " एशिया के पास नए ट्विटर को बनाने या बिगाड़ने की क्षमता है. यह निर्भर करेगा कि इलॉन मस्क कैसे इसे एप्रोच करते हैं. अगर वो इसे अपनी स्वतंत्र अभिव्यक्ति के लक्ष्य के लिए प्रयोग करना चाहते हैं." 

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चीन 

चीन में ट्विटर आधिकारिक तौर से बैन है. लेकिन इस देश में इलॉन मस्क को बहुत ध्यान देने की ज़रूरत है. हाल ही में एमेजन के फाउंडर जेफ बेज़ोस ने ट्विटर डील के बाद चीनी सरकार और मस्क के बीच अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर विवाद छिड़ने की शंका जाहिर की थी. चीन फिलहाल टेस्ला के लिए जरूरी है.  यह इलॉन मस्क की दौलत के लिए जरूरी भी है. चीन से मस्क को कई तरह के दबाव झेलने पड़ सकते हैं. चीन टेस्ला बैटरी का सप्लायर है. चीन के शंघाई में टेस्ला का पहला विदेशी प्लांट है. चीन में टेस्ला को कई टैक्स के फायदे मिले हैं.  अब ऐसे में चीन का प्रोपेगेंडा फैलाने का दबाव ट्विटर कैसे झेलेगा यह अहम मुद्दा है.  ट्विटर ने 2020 में चीन के सरकारी अधिकारियों के हैंडल को "सरकारी मीडिया" के टैग दिए थे. जब भी वो उन हैंडल से किसी स्टोरी को लाइक या शेयर करते हैं, यह उन्हें याद दिलाता है कि ये चीन सरकार समर्थित है. चीन  अपने उन अरबपति कारोबारियों को सजा देने में कभी पीछे नहीं हटा जो उसकी इच्छा अनुसार काम नहीं करते. इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनी टेस्ला ही नहीं, मस्क की स्पेस-एस भी चीनी ग्राहकों पर भविष्य में निर्भर कर सकती है. साथ ही मस्क की बोरिंग कंपनी को चीन के इंफ्रा प्रोजेक्ट्स से फायदा मिल सकता है. 

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भारत 

भारत ट्विटर का एक और बड़ा बाजार है. यहां करीब आधे बिलियन इंटरनेट यूजर हैं और दूसरे आधे बिलियन ऑनलाइन होने जा रहे हैं. अमेरिका की तरह ट्विटर का भारत के राजनैतिक तबके में भी दखल है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर पर 78 मिलियन फॉलोअर हैं, यह संख्या ट्विटर के भारत में रजिस्टर्ड फॉलोअर्स से भी अधिक है. 
लेकिन भारत सरकार ने अमेरिका से कहीं अधिक नियंत्रण ट्विटर पर चाहा है. साल 2020-2021  में किसान आंदोलन के दौरान ट्विटर और भारत सरकार के बीच तनाव और अधिक बढ़ा.  ट्विटर पर फ्री स्पीच कैसी बर्दाश्त होगी, इसे लेकर सरकार और ट्विटर के बीच खूब तनी. 

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भारत ही नहीं ट्विटर के लिए चुनौतियां और बड़ी हैं. रिसर्च करने वालों को पता चला कि 2021 में ट्विटर सबसे अधिक ब्लॉक्ड सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म रहा, जिसे कुल 12, 379 घंटे बंद रखा गया. आने वाले सालों में इस बात का जवाब मिल पाएगा कि मस्क कैसे ट्विवटर को अमेरिका ही नहीं दुनिया में स्वतंत्र अभिव्यक्ति के लिए खुला रख पाएंगे. 
लोई इंस्टीट्यूट के रोज कहते है, " एशिया नॉर्थ अमेरिका या यूरोप नहीं है. मस्क का एक वैश्विक नजरिया है और उनके व्यापारिक हित भी वैश्विक रहे हैं. लेकिन मीडिया के मद्देनजर वैश्विक परिपेक्ष में और भी सावधानी से काम  करने की, जरूरत होती है. 

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