सीरिया की राजधानी दमिश्क वाणिज्य दूतावास पर हाल ही में हुए हमले के बाद ईरान (Iran Israel) बौखलाया हुआ है और इजरायल को सबक सिखाने की कसम खाई है. ईरान ने दश्मिक हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. इसके बाद से इजरायल पर ईरान के हमले का खतरा भी बढ़ गया है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे कई अलग-अलग तरीके हैं, जिनसे ईरान जवाबी कार्रवाई कर सकता है. इन सभी तरीकों से तनाव का खतरा अलग-अलग है. तनाव के खतरे को देखते हुए फ्रांस ने अपने नागरिकों को इज़रायल, फिलिस्तीनी क्षेत्रों, ईरान या उसके सहयोगी लेबनान की यात्रा न करने की सलाह दी है.
Video : इज़राइल पर हमले के लिए Iran कितनी जल्दी बना सकता है
ईरान कैसे कर रहा बदला लेने की तैयारी
लेकिन वास्तव में आगे क्या होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि ईरान अपना बदलना लेने का तरीका क्या चुनता है. यह संभवतः इज़रायल और हमास के बीच युद्ध की पृष्ठभूमि में आएगा. फ्रांसीसी थिंक टैंक जीन-जॉरेस फाउंडेशन के मध्य पूर्व विशेषज्ञ डेविड खालफा ने कहा, तथ्य यह है कि इसमें शामिल कोई भी सरकार तनाव को बढ़ाना नहीं चाहती है, लेकिन ये भी जरूरी नहीं है कि संकट बढ़े ही ना. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएफपी से कहा कि उनका अनुमान गलत भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि इसके परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं.
बदले की आग में चल रहा ईरान
बता दें कि 1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी दश्मिक में ईरान के वाणिज्य दूतावास की बिल्डिंग पर हुए हवाई हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के सात सदस्यों समेत 16 लोग मारे गए थे. तब से अब ईरान लगातार बदले की आग में जल रहा है. मारे गए लोगों में सबसे सीनियर ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी शामिल थे, वह ईरान के विदेशी सैन्य अभियानों को चलाने वाले कुद्स फोर्स के एक सीनियर कमांडर थे. ईरान और सीरिया ने इस हमले के लिए इज़राल को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि ईरान ने इस हमले में अपने शामिल होने की पुष्टि नहीं की है.
'तेहरान नहीं चाहता सीधा युद्ध'
एक गैर-लाभकारी संगठन सौफान सेंटर ने कहा, "इजरायल के हवाई हमले का मकसद तेहरान को यह बताना था कि उसे हमास और लेबनानी हिजबुल्लाह और यमन में हूथिस जैसे सहयोगियों की मदद के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा. दश्मिक हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने चेतावनी देते हुए कहा था कि इजरायल को "दंडित किया जाना चाहिए."
अमेरिका ने ईरान के इजरायल पर हमले की आशंका जताई है. व्हाइट हाउस का कहना है कि अमेरिका अपने सहयोगी इज़रायल के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा. अमेरिका ने सेंट्रल कमांड के प्रमुख माइकल कुरिल्ला को भी मुद्दों पर बात करने के लिए इज़रायल भेजा है.