- दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या और जलाए जाने के विरोध में शुक्रवार को ढाका में प्रदर्शन किया गया
- बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस के नेतृत्व में हिंदुओं ने निष्पक्ष जांच व दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की
- हिंदु समुदाय के करीब 400 सदस्यों ने मानव शृंखला बनाकर और रैली आयोजित करके अपना विरोध जताया
बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या और पेड़ से बांधकर जलाए जाने की घटना को लेकर शुक्रवार को ढाका में प्रदर्शन किया गया. इस दौरान बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस (बांग्लादेश जातीय हिंदू महाजोत) की अगुआई में हिंदू समुदाय के लोगों ने इकट्ठा होकर दीपू की हत्या की निष्पक्ष जांच कराकर इंसाफ की मांग उठाई.
25 वर्षीय दीपू चंद्र दास को मयमनसिंह इलाके में 18 दिसंबर को ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाकर भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर मार दिया था. उसके बाद कट्टरपंथियों ने उन्हें बीच चौराहे पर पेड़ से लटका आग लगा दी थी. इस जघन्य घटना की दुनिया भर में कड़ी निंदा हो रही है कि एक और हिंदू युवक 29 वर्षीय अमृत मंडल उर्फ सम्राट की होसैनडांगा इलाके में पीट-पीट हत्या कर दी गई.
हिंदु समुदाय के सदस्यों ने मानव शृंखला बनाकर और रैली आयोजित करके अपना विरोध जताया. बांग्लादेश जातीय हिंदू महाजोत ने हिंदुओं पर हिंसा के दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की और कहा कि उन्हें ऐसी सजा दी जानी चाहिए, जो मिसाल बने. इस दौरान जय श्रीराम के नारे भी लगाए गए.
नेशनल प्रेस क्लब के सामने आयोजित इस रैली में करीब 400 लोग शामिल हुए और त्वरित व निष्पक्ष कानूनी कार्रवाई की मांग की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष दिनबंधु राय ने की जबकि संचालन आयोजन सचिव किशोर कुमार बर्मन ने किया. इस मौके पर महासचिव गोविंद चंद्र प्रमाणिक भी मौजूद रहे.
रैली को संबोधित करने वालों में संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष अधिवक्ता प्रदीप पाल और बांग्लादेश नेशनल हिंदू स्टूडेंट काउंसिल के अध्यक्ष सजीब कुंडू टापू शामिल थे. वक्ताओं ने एक सुर में त्वरित सुनवाई और सभी दोषियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर देश-विदेश में व्यापक आक्रोश है. कई मानवाधिकार संगठनों और विदेशी नेताओं ने भी चिंता जताई है. शुक्रवार को भारत सरकार ने भी इस मसले को लेकर आधिकारिक बयान दिया.
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बांग्लादेश में हिंदू, ईसाई और बौद्ध जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हिंसा पर गहरी चिंता जताई. भारत ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ निरंतर शत्रुता पर चिंता जताते हुए बांग्लादेश में पेश किए जा रहे भारत-विरोधी झूठे नैरेटिव को भी खारिज किया.














