फर्जी कंपनी बनाई और... 'पप्पू' पेजर को बम बनाने लिए इजरायल ने लगाया क्या दिमाग, हिल जाएंगे आप

कहा जाता है कि इजरायल ने हिजबुल्लाह पर इस अटैक की तैयारी काफी पहले से ही शुरू कर दी थी. हिजबुल्लाह को उसपर किसी तरह का शक ना हो इसके लिए कई शेल कंपनियां बनाई गई थीं. हालांकि, इजरायल ने कभी भी इन हमलों में अपनी भागीदारी को नहीं माना है.

Advertisement
Read Time: 4 mins

नई दिल्ली:

एक पुरानी कहावत है न कि जंग सिर्फ हथियारों से नहीं बल्कि दिमाग से भी लड़ी जाती है.बीते कुछ दिनों में इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ जो कुछ किया है वो इसी का एक उदाहरण है.आपको बता दें कि कुछ दिन पहले लेबनान में लागातर सीरियल ब्लास्ट हुए थे. इन हमलों में हिजबुल्लाह के कई आतंकियों के मारे जाने की भी खबर है. इन हमलों के पहले दिन पेजर में धमाका होने से हिजबुल्लाह के 12 आतंकी मारे गए थए और 4000 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है. जबकि दूसरे दिन वॉकी-टॉकी और सोलर पैनल में धमाके से 25 आतंकी और मारे गए. इस धमाके में भी सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल  हुए हैं. हिजबुल्लाह इन धमाकों के पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ बता रहा है जबकि इजरायल ने ऐसे किसी धमाके को लेकर सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा है. 

लेबनान में हुए इन धमाकों को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स ने अब एक बड़ा खुलासा किया है. इस अखबार के मुताबिक हिजबुल्लाह मोसाद के साइबर ऑपरेशन का शिकार हो गया है. हिजबुल्लाह ने जो पेजर खरीदे  वो ताइवान की अपोलो गोल्ड कंपनी के नहीं थे. उन्हें मोसाद के अफसरों ने हंगरी की उस कंपनी में बनाया था, जिसे हिजबुल्लाह ताइवानी कंपनी समझ रहा था. असल में वो मोसाद के अफसरों की ओर से हिजबुल्लाह को गुमराह करने के लिए बनाई गई एक फ्रंट कंपनी थी. इस कंपनी को खड़ी करने के लिए मोसाद ने कई साल पहले ही प्लानिंग की गई थी. 


हिजबुल्लाह 2022 से ही इस कंपनी से खरीद रहा था पेजर 

इजरायल पेजर और वॉकी-टॉकी धमाके से हिजबुल्लाह को दहलाने की तैयारी बीते कई सालों से कर रहा था. और इसकी भनक हिजबुल्लाह को कभी नहीं लगी.हिजबुल्लाह इजरायल की बनाई गई इस कंपनी से 2022 से पेजर खरीद रहा था.हिजबुल्लाह को जैसे ही इजरायल की बनाई गई इस कंपनी पर भरोसा होने लगा तो वैसे ही मोसाद की रणनीति काम आने लगी, जिसके तहत वह हिजबुल्लाह को उसके घर में ही घुसकर मारने की योजना बना रहा था. बताया जाता है कि एक बार जब लेबनान में बैठे हिजबुल्लाह के आतंकी इस कंपनी के पेजर और अन्य उपकरणों की मांग लगातार करने लगे तो मोसाद ने पेजर में पीईटीएन विस्फोटक डाल दिए. 

Advertisement

इजरायल ने हिजबुल्लाह को चौकाने के लिए बनाई थी शेल कंपनी 

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक हिजबुल्लाह ने जिस कंपनी से पेजर और अन्य उपकरणों खरीदे थे वो इजरायल की ही शेल कंपनी थी. इस कंपनी को मोसाद के ही अधिकारियों ने कुछ साल पहले बनाया था. और इस कंपनी का मकसद था हिजबुल्लाह को उसके घर के अंदर घुसकर ही मारना. और मौसाद के अधिकारियों ने इस कंपनी के बनने के कुछ साल बाद ही सही लेकिन ये करके भी दिखाया है. बताया जाता है हिजबुल्लाह को किसी तरह का शक ना हो इसके लिए इजरायल ने दो और शेल कंपनी भी बनाई थी. 

Advertisement

जेम्स बॉन्ड स्टाइल में हिजबुल्लाह पर हुआ हमला

इजरायल ने जिस तरह से हिजबुल्लाह के आतंकियों को लेबनान में ढेर किया वो किसी फिल्म के सीन की तरह है.इस हमले के बारे में सुनकर भी ऐसा लग रहा है कि जैसे कोई जेम्स बॉन्ड की फिल्म का सीन हो. इस हमले में हिजबुल्लाह के कई आतंकी मारे गए हैं. 

Advertisement

जानकारों के अनुसार, पेजर बम विस्फोटों को देखकर इतना तो साफ हो जाता है कि इस योजना के पीछे कई साल की मेहनत है. जानकारों का मानना ​​है कि सप्लाई चेन में घुसपैठ की गई थी और लेबनान में आयात किए जाने से पहले सैकड़ों पेजरों में विस्फोटक भर दिए गए थे. हालांकि, इसे लेकर अभी तक बहुत कम सबूत सामने आए हैं.

Advertisement

हिजबुल्लाह पेजर का ही क्यों करता है इस्तेमाल

हिजबुल्लाह ने अपने आतंकियों से कुछ महीने पहले भी कहा था कि वह कोई भी मोबाइल फोन इस्तेमाल ना लें. मोबाइल फोन की जगह पेजर के इस्तेमाल पर जोर दिया गया था. इसके पीछे का तर्क ये दिया जाता है कि हिजबुल्लाह को अच्छे से पता है कि इजरायल की मोसाद जैसी एजेंसी मोबाइल फोन को ट्रैक कर सकती है लेकिन पेजर को ट्रैक करना उतना आसान नहीं है. पेजर को तैयार करने में जिस तकनीक का इस्तेमाल होता है वो बहुत पुराना है ऐसे में वो कहां पर इस्तेमाल हो रहा है उसका पता लगा पाना जरा मुश्किल है.  

    

Topics mentioned in this article