हमास चीफ हानिया की मौत से बदले की आग में जल रहा ईरान, क्या मिडिल ईस्ट में शुरू होगी दूसरी जंग?

हानिया का मारा जाना न सिर्फ हमास के लिए बड़ा नुकसान है, बल्कि ईरान के लिए भी ये बहुज बड़ा डैमेज है. ईरान अपने एक्सिस ऑफ़ रेसिस्टेंस के जरिए जिस तरीके से इजरायल को घेरता रहा है, उसमें हानिया का बड़ा रोल था. ऐसे में उनकी मौत के बाद ईरान का इजरायल पर भड़कना लाजिमी है.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins

ईरान के कोम शहर में स्थित एक प्रमुख मस्जिद में लाल झंडे भी लगा दिए गए हैं. ईरान में लाल झंडा बदले की भावना को दिखाता है.

नई दिल्ली/तेहरान:

फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) के चीफ इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) की हत्या से मिडिल ईस्ट (Middle East) में तनाव बढ़ता जा रहा है.  अपनी सरजमीं पर हानिया की हत्या से ईरान बदले की आग में जल रहा है. ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) ने इजरायल को कठोर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है. हानिया के शोक में सबसे प्रमुख मस्जिद पर लाल झंडा भी लगा दिया गया है. वहीं, इजरायल भी अलर्ट हो गया है. इजरायल ने कहा कि वो जंग नहीं चाहते, लेकिन हमला हुआ तो उसका वाजिब जवाब दिया जाएगा.

आइए जानते हैं ईरान क्यों लेना चाहता है हमास चीफ हानिया की मौत का बदला? ईरान और इजरायल के टकराव का मिडिल ईस्ट में क्या पड़ेगा असर? यूक्रेन-रूस युद्ध, इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध के बाद क्या अब दुनिया तीसरी जंग की तरफ बढ़ रही है?

कौन थे हमास नेता इस्माइल हानिया, जिनकी जान नहीं बचा पाया ईरान

मंगलवार को क्या हुआ?
ईरान की राजधानी तेहरान में मसूद पजशकियान ने देश के 9वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. संसद में पजशकियान का शपथ ग्रहण समारोह चल रहा था. इसमें शिरकत करने के लिए हमास चीफ इस्माइल हानिया भी पहुंचे थे. ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के मुताबिक, मंगलवार देर रात हानिया के ठिकाने पर मिसाइल अटैक किया गया. हमले में हानिया और उनके बॉडीगार्ड की मौत हो गई. ईरान ने इजरायल पर हमले का आरोप लगाया है. हालांकि, अब तक इजरायल की तरफ से इन आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया गया है.

Advertisement

ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई (दाएं) के साथ हमास चीफ हानिया (बीच में) 

कौन हैं हानिया?
इस्माइल हानिया हमास के सबसे बड़े राजनीतिक नेता थे. उन्होंने 1987 में हमास ज्वॉइन किया था. 2017 से हमास के चीफ थे. शूरा परिषद ने 2021 में उन्हें इस पद के लिए दोबारा 4 साल के लिए चुना था. शूरा हमास में फैसले लेने वाली सबसे बड़ी यूनिट है. इस्माइल हानिया और हमास के दूसरे बड़े नेता कई सालों से कतर में रह रहे थे. कतर से हमास के रिश्ते अच्छे हैं. हानिया कतर से ही हमास ऑर्गनाइजेशन को ऑपरेट करते थे.

Advertisement

हानिया के कुल 13 बच्चे, 3 की हो चुकी मौत
कतर न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्माइल हानिया का लंबा परिवार है. उनकी दो शादियां हुईं. पहली पत्नी से उनके 13 बच्चे हुए. इनमें से 3 की मौत हो चुकी है. दूसरी पत्नी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक, हानिया ने अपने करीबी दोस्त की बीवी से दूसरी शादी की थी.

Advertisement

हमारी सरजमीं पर अज़ीज मेहमान को... हमास नेता हानिया की हत्या से भड़के खामेनेई, कहा- इजरायल को देंगे सख्त सजा

Advertisement

परिवार के कई सदस्यों की हमले में हो चुकी मौत
हानिया के परिवार के कई सदस्यों की भी हमलों में मौत हो चुकी है. इस साल अप्रैल में इजरायली सेना ने गाजा के अल-शती कैंप के पास एक कार पर हमला किया था. इसमें इस्माइल हानिया के तीन बेटों, 3 पोतियों और एक पोते की मौत हो गई थी. हानिया ने खुद एक इंटरव्यू में इसकी तस्दीक की थी.

हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर 5000 से ज्यादा रॉकेट दागे थे. उसके बाद से दोनों के बीच जंग चल रही है. 

हानिया की लीडरशिप में हमास ने इजरायल पर किया था हमला
इस्माइल हानिया हमास के सबसे बड़े लीडर थे. उनकी अगुआई में ही हमास ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर वो हमला किया, जिसे 75 सालों का सबसे बड़ा हमला कहा जाता है. इस दिन हमास के लड़ाकों ने गाजा पट्टी की जमीन से इजरायल की तरफ 5 हजार से ज्यादा रॉकेट हमले किए. इन हमलों में 1,200 से अधिक लोगों की मौत हो गई. हमास के लड़ाकों ने सुंरग के रास्ते घुसपैठ भी की और कई इजरायलियों का कत्लेआम किया. हमास के लड़ाके महिलाओं, लड़कियों और बच्चों समेत कई इजरायली नागरिकों को बंधक बनाकर ले गए थे.

हानिया की हमास में अहमियत?
हमास के लिए हानिया का मारा जाना बहुत बड़ा नुकसान है. एक तरह से कह सकते हैं कि हानिया की मौत के बाद हमास राजनीतिक नेतृत्वविहीन हो गया है. याह्या सिनवार जैसे मिलिट्री कमांडर हमास के पास हैं, जो गाजा में अपने ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं. लेकिन राजनीतिक विंग के प्रमुख के तौर पर हानिया की अपनी बड़ी अहमियत थी. वो 2017 में हमास के पॉलिटिकल काउंसिल के चेयरमैन बने. हानिया ज्यादातर हमास के कतर दफ्तर से अपना काम करते थे.

हमास की मौत से क्यों भड़का हुआ है ईरान?
हानिया का मारा जाना न सिर्फ हमास के लिए बड़ा नुकसान है, बल्कि ईरान के लिए भी ये बहुज बड़ा डैमेज है. ईरान अपने एक्सिस ऑफ़ रेसिस्टेंस के जरिए जिस तरीके से इजरायल को घेरता रहा है, उसमें हानिया का बड़ा रोल था. ऐसे में उनकी मौत के बाद ईरान का इजरायल पर भड़कना लाजिमी है.

ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने इजरायल को कठोर सजा भुगतने की चेतावनी दी है. 

हमास की मौत से मिडिल ईस्ट पर क्या पड़ेगा असर?
देखा जाए तो हमास की मौत से सबसे ज्यादा नुकसान मिडिल ईस्ट के दूसरे देशों को है. ये देश न चाहते हुए भी इजरायल-फिलिस्तीन के बीच जंग में फंस गए हैं. लेबनान ऐसा ही एक देश है. लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने हमास को समर्थन दिया है. हिजबुल्लाह ने शनिवार को इजरायल में एक फुटबॉल ग्राउंड को टारगेट कर अटैक किये थे. इसमें 12 बच्चों की जान चली गई. इजरायल ने इसका बदला लिया. मंगलवार को इजरायल डिफेंस फोर्स ने लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के कमांडर को मार गिराया. 

हमास चीफ हानिया की मौत के बाद बदले की आग में जल रहा ईरान, तुर्किए ने भी इजरायल को घेरा

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास पिछले साल 7 अक्टूबर से जंग लड़ रहे हैं. नवंबर में एक हफ्ते का सीज़फायर हुआ, लेकिन उसके बाद इसकी पहल नहीं की गई. शांति के लिए बातचीत के जितने भी दौर चले हैं, उनमें हानिया एक अहम कड़ी रहे. अमेरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से कुछ दिन पहले भी कहा गया कि इजरायल-हमास के बीच सीज़फायर करीब है. हालांकि, अब इस्माइस हानिया की मौत के बाद लगता नहीं कि हमास शांति वार्ता के लिए मानेगा. अपने लीडर को खोने के बाद हमास की जो भी बची-खुची ताकत है, वो उसके साथ इजरायल का मुकाबला करने की कोशिश करेगा.

कतर ने भी कहा- शांति अब मुश्किल
कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद अल थानी ने भी ऐसी ही बात कही है. कतर के पीएम ने इजरायल पर हानिया की हत्या का आरोप लगाया. अल थानी ने कहा, "जंग में अगर एक पक्ष दूसरे पक्ष की तरफ से समझौते करवा रहे व्यक्ति की हत्या कर देगा तो सीज़फायर नहीं हो सकता. शांति के लिए दोनों पक्षों को गंभीरता से बात करनी होगी."

हानिया की जंग के बाद इजरायल और ईरान के बीच टकराव की स्थिति बढ़ गई है. 

क्या अब दुनिया देखेगी तीसरी जंग?
हानिया की मौत के बाद ईरान और इजरायल के बीच जबरदस्त टकराव की स्थिति है. ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल को इसका खामियाजा भुगतने की चेतावनी दे दी है. ईरान के कोम शहर में स्थित एक प्रमुख मस्जिद में लाल झंडे भी लगा दिए गए हैं. ईरान में लाल झंडा बदले की भावना को दिखाता है.

हमास ने भी कही बदले की बात
हमास के प्रवक्ता मूसा मजरूक ने अपने लीडर इस्माइल हानिया की मौत पर कहा कि ये इजराइल की कायराना हरकत है. हानिया की मौत का बदला लिया जाएगा. उनकी कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी. हमास ने कहा कि हम यरूशलम को इजरायल से आजाद कराने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं.

इजरायल ने भी कहा- हर हमले का जवाब देने को तैयार
इजरायल ने अभी तक तो सीधे तौर पर हानिया की मौत की जिम्मेदारी नहीं ली है. लेकिन इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने एक बयान में कहा, "हम जंग नहीं चाहते, लेकिन अगर हमला हुआ तो हम इसका वाजिव जवाब देंगे."

अमेरिका बोला- इजराइल पर पलटवार हुआ तो मदद करेंगे
हानिया की मौत के बाद अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अगर इजरायल पर हमला होता है, तो अमेरिका उसकी मदद करेगा.

मोसाद के वो पांच खुफिया ऑपरेशन, जिनके बारे में जानकर दुनिया ने दातों तले दबा ली अंगुली