- गाजा में दो साल बाद बमबारी बंद हुई है लेकिन क्षेत्र में शांति की स्थिति अभी भी कायम नहीं है
- हमास ने इजरायल के सहयोगी होने के संदेह में संदिग्धों को सड़क पर घुटनों पर बैठाकर गोली मारी- वीडियो वायरल
- हमास की सुरक्षा इकाइयों ने गाजा के विभिन्न हिस्सों में सशस्त्र गुटों और अपराधियों के खिलाफ अभियान शुरू किया है
गाजा में 2 साल बाद बमबारी रुक गई है, इजरायल का हमला रुक गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में हुए सीजफायर समझौते के बाद सबको उम्मीद थी कि गाजा में शांति होगी. लेकिन ग्राउंड में अभी भी शांति नजर नहीं आ रही है. हमास अब बदला लेने के मोड में आ गया है. वो इजरायल का साथ देने के आरोपी लोगों को बीच सड़क पर आंख में पट्टी बांधकर, घुटनों पर बैठाकर गोली मार रहा है. इतना ही नहीं खुद इसका वीडियो बनाकर शेयर भी कर रहा है.
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार हमास ने मंगलवार, 14 अक्टूबर को गाजा के बर्बाद शहरों पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली, और अपनी बदले की कार्रवाई शुरू की और इजरायल के लिए कथित रूप से मुखबिरी करने वालों को बीच सड़क मौत के घाट उतार दिया. वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर इस उग्रवादी समूह को निरस्त्र करने की कसम खाई.
जल्लाद बना हमास
हमास ने अपने आधिकारिक चैनल पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें आंखों पर पट्टी बांधकर और घुटनों के बल बैठे आठ संदिग्धों को सड़क पर गोली मारते हुए दिखाया गया. हमास का दावा है कि ये सभी इजरायल के सहयोगी थे और उनका कानून नहीं मानते थे. इस वीडियो में हमास के बंदूकधारी लड़ाके भीड़ (जिसमें नाबालिग भी नजर आ रहे हैं) के सामने एक व्यस्त सड़क पर करीब से लोगों को मारते दिख रहे हैं.
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार यह फुटेज कथित तौर पर सोमवार शाम का है, जब हमास और इजरायल के बीच हुए सीजफायर के पांचवें दिन हमास की विभिन्न सुरक्षा इकाइयों और क्षेत्र के कुछ हिस्सों में मौजूद सशस्त्र फिलिस्तीनी गुटों के बीच गोलीबारी चल रही थी. जैसे ही इजरायली सेना गाजा शहर से हट गई, इसके उत्तरी क्षेत्र में हमास सरकार की काले नकाबपोश सशस्त्र पुलिस ने सड़क पर गश्त फिर से शुरू कर दी है.
इस रिपोर्ट के अनुसार जब इजरायल की जेलों से रिहा किए गए कैदियों की बस सोमवार को गाजा पहुंची, तो हमास के एज़ेदीन अल-क़सम ब्रिगेड के लड़ाकों ने भीड़ को कंट्रोल किया. इस बीच, हमास की एक सुरक्षा इकाई उन सशस्त्र गुटों और गिरोहों के खिलाफ अभियान चला रही है, जिनमें से कुछ को इजरायली समर्थन प्राप्त होने का आरोप है.
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