पाकिस्तान के पूर्वप्रधान मंत्री इमरान खान ने सरकार पर रविवार शाम को देश में YouTube को अस्थायी रूप से ब्लॉक करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसा इसलिए किया ताकि वो लोगों को एक राजनीतिक रैली में दिए गए उनके भाषण को लाइव सुनने से रोक सके. हालांकि, आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक ने शनिवार की देर रात इमरान खान के भाषणों के लाइव स्ट्रीमिंग पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद आरोप लगाया कि वो भाषण के दौरान देश के संस्थानों के खिलाफ "अभद्र भाषा" का प्रयोग करते हैं.
यूट्यूब बॉल्क करने की फैसले के आलोचना करते हुए इमरान खान ने कहा, " आयातित सरकार ने मेरे भाषण की लाइव स्ट्रीमिंग के बीच में ही यूट्यूब ब्लॉक कर दिया." इधर, पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण के एक प्रवक्ता, जो देश में इंटरनेट को नियंत्रित करते हैं, ने टिप्पणी के लिए रॉयटर्स के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया. रॉयटर्स के एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में संसदीय वोट के जरिए सत्ता से बेदखल होने के बाद से खान पाकिस्तान में फिर से चुनाव कराने पर जोर दे रहे हैं. वह देश भर में आयोजित सभाओं में उग्र भाषण दे रहे हैं.
पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (पीईएमआरए) ने शनिवार को अपने बयान में कहा, "इमरान खान अपने भाषणों/बयानों में लगातार मौजूदा सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं, साथ ही सरकारी संस्थानों के खिलाफ भड़काऊ बयानों के जरिए नफरत फैला रहे हैं."
गौरतलब है कि खान ने सरकार, पुलिस और देश की ताकतवर सेना समेत कई सरकारी संस्थानों को निशाना बनाया है. खान की पार्टी ने शनिवार के टेलीविजन प्रतिबंध के तुरंत बाद कहा था कि यह "500+ यूट्यूब और फेसबुक चैनलों" पर भाषण लाइव होगा.
हालांकि, पाकिस्तान के आसपास के कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने YouTube ऐक्सेस करने में समस्याओं की सूचना दी. ये तब हुआ जब इमरान खान रविवार शाम को रावलपिंडी के गैरीसन शहर में एक सभा को संबोधित करने वाले थे.
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