"मरीजों की जान खतरे में": गाजा के एकमात्र कैंसर अस्पताल में कामकाज ठप

7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर रॉकेट हमले किए थे. हमास के लड़ाकों ने सुरंगों के रास्ते घुसपैठ करते हुए 1400 लोगों को मार डाला था.

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नई दिल्ली:

फिलिस्तीनी संगठन हमास और इजरायल (Israel Palestine Conflict) के बीच युद्ध लगातार जारी है. युद्ध के कारण गाजा में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि गाजा पट्टी के एकमात्र कैंसर अस्पताल में ईंधन खत्म होने के कारण कामकाज ठप हो गया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार अल-जज़ीरा पर जारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में  तुर्की-फिलिस्तीनी मैत्री अस्पताल के निदेशक ने कहा कि कैंसर रोगियों का इलाज करने वाले इस एक मात्र अस्पताल में ईंधन खत्म हो जाने के कारण कामकाज ठप हो गया है. 

निदेशक, सुभी स्काईक ने कहा कि हम दुनिया से अपील करते हैं कि कैंसर रोगियों को इलाज के अभाव में होने वाले मौत से बचा लिया जाए. फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्री माई अल-कैला ने एक बयान में निदेशक की टिप्पणियों की पुष्टि की, और कहा कि इससे गाजा में काम काज ठप होने वाले अस्पतालों की संख्या  कुल 35 में से 16 हो गई है. उन्होंने एक बयान में कहा कि अस्पताल के अंदर 70 कैंसर रोगियों का जीवन गंभीर रूप से खतरे में है.

बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर रॉकेट हमले किए थे. हमास के लड़ाकों ने सुरंगों के रास्ते घुसपैठ करते हुए 1400 लोगों को मार डाला था. इसके साथ ही हमास के लड़ाके 240 लोगों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गए थे, जिसके बाद से इजरायली सेना की गाजा पट्टी पर जवाबी कार्रवाई जारी है. इस जंग में अब तक 8,500 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से दो-तिहाई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.

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