- गाजा में 21 महीने से जारी युद्ध के बाद इजरायल ने रोजाना 10 घंटे के लिए हमले बंद कर मानवीय सहायता की अनुमति दी.
- जॉर्डन और अमीरात की सेना ने गाजा में मानवीय सहायता के तहत भोजन की आपूर्ति के लिए हवाई राहत अभियान चलाया है.
- UN के विश्व खाद्य कार्यक्रम के अनुसार गाजा की लगभग एक तिहाई आबादी कई दिनों से भोजन के अभाव में है.
21 महीने से जारी जंग के बाद भूखमरी से मरते गाजा के लोगों के लिए राहत की कुछ खबर सामने आई है. दुनिया भर से हो रही आलोचना के बीच इजरायल ने हर दिन सुबह 10 बजे से रात के 8 बजे तक, कुल 10 घंटों के लिए गाजा के 3 क्षेत्रों में अपने हमले को रोकने का ऐलान किया है. इन 10 घंटों में कुछ मानवीय सहायताओं को गाजा में आने दिया जाएगा. जॉर्डन और UAE के विमानों ने रविवार को गाजा में भोजन गिराया.
फिलिस्तीनी क्षेत्र 21 महीने के युद्ध के कारण बनी गंभीर मानवीय स्थितियों से जूझ रहा है और मार्च से मई तक इजराइल द्वारा सहायता की पूर्ण नाकाबंदी के कारण स्थिति और भी बदतर हो गई है. नाकाबंदी में ढील के बाद से, गाजा तक पहुंचने वाली सहायता का स्तर सहायता समूहों के अनुसार जरूरत से काफी नीचे है. प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोर देकर कहा है कि उनकी सरकार गाजा की गंभीर स्थिति के लिए दोषी नहीं है और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र पर हमला बोला. यहां नीचे आपको गाजा से आईं तस्वीरों को दिखाते हैं.
27 जुलाई, 2025 को जॉर्डन और अमीरात की सेना ने कैरियर विमानों की मदद से उत्तरी गाजा पट्टी में मानवीय सहायता गिराई.
इजरायली सेना ने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि वह भुखमरी को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है. उसने कहा कि उसने "गाजा पट्टी में प्रवेश करने वाली मानवीय सहायता के पैमाने को बढ़ाने" के लिए संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ काम किया था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रविवार को चेतावनी दी कि गाजा में कुपोषण "खतरनाक स्तर" तक पहुंच रहा है. जब आसमान से राहत सामग्री गिरी तो पूरा गाजा बटोरने के लिए दौड़ पड़ा.
WHO ने कहा है कि 2025 में कुपोषण से संबंधित दर्ज की गई 74 मौतों में से 63 जुलाई में हुईं - जिनमें पांच साल से कम उम्र के 24 बच्चे, पांच साल से अधिक उम्र का एक बच्चा और 38 वयस्क शामिल थे.
संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम ने कहा कि गाजा की एक तिहाई आबादी ने कई दिनों से खाना नहीं खाया है, और 470,000 लोग "अकाल जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं".
गाजा में बड़े पैमाने पर भुखमरी को रोकने के लिए पीएम बेंजामिन नेतन्याहू पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने के बाद इजरायली निर्णय आया.
दक्षिणी गाजा पट्टी के राफा में अल-मवासी शिविर में आटे का एक बैग ले जाते समय एक फिलिस्तीनी लड़के के चेहरे पर दिखती खुशी.