गाजा से इस समय की सबसे बड़ी खबर है कि 2 साल से जारी जंग आखिरकार खत्म होती दिख रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार, 9 अक्टूबर (भारतीय समयानुसार) को घोषणा की कि मिस्र में कई दिनों की अप्रत्यक्ष वार्ता के बाद इजरायल और हमास गाजा में सीजफायर के पहले चरण के लिए एक समझौते पर सहमत हो गए हैं. कतर ने मिस्र, अमेरिका और तुर्की के साथ इस समझौते को कराने में मदद की है और उसने कहा है कि यह "गाजा सीजफायर समझौते का पहला चरण है, जो जंग को खत्म करने, इजरायली बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और गाजा के अंदर मानवीय सहायता के प्रवेश को बढ़ावा देगा".
इन सबसे बीच सवाल है कि आखिर गाजा में सीजफायर कब लागू होगा यानी बम बरसने कब आधिकारिक रूप से रुक जाएंगे. हमास के कब्जे में मौजूद इजरायली बंधक कब रिहा होंगे, इजरायल कब हमास के उग्रवादियों को रिहा करेगा जिन्हें उसने हिरासत में ले रखा है. सबसे बड़ा सवाल कि पहले फेज में इजरायली सेना कितना पीछे हटेगी, वो गाजा के कितने हिस्से पर अपना कब्जा बरकरार रखेगी.
इजरायली मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार:
- स्थानीय समयानुसार गुरुवार को दोपहर 12:00 बजे तक सीजफायर और बंधकों की अदला बदली के समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. नेतन्याहू आज ही सीजफायर समझौते को मंजूरी देने के लिए सरकार की बैठक बुलाएंगे.
- हमास के कब्जे में मौजूद सभी 20 जीवित बंधकों को संभवतः सोमवार तक रिहा कर दिया जाएगा. उसके बाद धीरे-धीरे उन बंधकों के शव सौंपे जाएंगे, जिनकी मौत हो चुकी है.
- अंतिम बंधक के रिहा होने तक इजरायल की सेना गाजा के 53% हिस्से पर नियंत्रण रखेगी. उसके बाद में इजरायली सेना बफर जोन में वापस चली जाएंगी.
- इजरायली जेलों से लगभग 2,000 हमास उग्रवादियों को रिहा किया जाएगा. लेकिन इजराइल 7 अक्टूबर के नरसंहार में हिस्सा लेने वाले हमास के उग्रवादियों को रिहा नहीं करेगा.
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