गाम्बिया में 70 बच्चों की मौतों से जुड़ी है इंडोनेशिया में बैन कफ सिरप की सामग्री

नियामक ने कहा, "बीपीओएम ने पंजीकरण के समय एक आवश्यकता निर्धारित की है कि बच्चों और वयस्कों के लिए सभी औषधीय सिरप उत्पादों को डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) का उपयोग करने की अनुमति नहीं है."

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डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उसे 4 मेडेन उत्पादों में सामग्री के 'अस्वीकार्य' स्तर मिले हैं. (प्रतिकात्मक)
जकार्ता:

इंडोनेशिया ने शनिवार को दक्षिण पूर्व एशियाई देश गाम्बिया में कफ सिरप से 70 बच्चों की मौत से जुड़ी सामग्री पर प्रतिबंध लगा दिया. किडनी की इस गंभीर क्षति की जांच की जाएगी, जिसने इस साल राजधानी जकार्ता में 20 से अधिक बच्चों की जान ले ली. खाद्य और दवा नियामक बीपीओएम ने कहा कि वह इस संभावना की जांच कर रहा है कि क्या डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल, ने अन्य सामग्रियों को दूषित किया है जो सॉल्वैंट्स के रूप में उपयोग की जाती है.

रायटर्स के मुताबिक, गाम्बिया और भारत पश्चिम-अफ्रीकी देश में किडनी की गंभीर क्षति से होने वाली मौतों की जांच कर रहे हैं, जिन्हें नई दिल्ली स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा बनाए गए कफ सिरप से जोड़ा जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि उसने चार मेडेन उत्पादों में सामग्री के अस्वीकार्य स्तर पाए, जो जहरीले हो सकते हैं.

नियामक ने एक बयान में कहा, "जनता को सुरक्षा प्रदान करने के लिए, बीपीओएम ने पंजीकरण के समय एक आवश्यकता निर्धारित की है कि बच्चों और वयस्कों के लिए सभी औषधीय सिरप उत्पादों को डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) का उपयोग करने की अनुमति नहीं है."

बीपीओएम ने दोहराया कि गाम्बिया में हुई मौतों से जुड़े चार उत्पाद और या कोई अन्य मेडेन उत्पाद इंडोनेशिया में पंजीकृत नहीं हैं.

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