- प्रधानमंत्री ने जी20 में भारतीय पारंपरिक ज्ञान से पूरे विश्व को लाभ पहुंचाने का विचार सामने रखा
- उन्होंने अफ्रीका का भविष्य संवारने के लिए उसे स्किल पावरहाउस बनाने का आइडिया भी दिया
- इसके अलावा आतंकवाद की फैक्ट्री का ईंधन बने ड्रग्स बिजनेस की कमर तोड़ने का फॉर्मूला भी दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका में G20 शिखर सम्मेलन में दुनिया की तरक्की के लिए नया महत्वाकांक्षी रोडमैप पेश किया है. उन्होंने 4 बड़े प्लान सामने रखे, जो पारंपरिक ज्ञान, स्किल डेवलपमेंट, स्वास्थ्य और सिक्योरिटी पर केंद्रित हैं. प्रधानमंत्री ने एक तरफ भारतीय पारंपरिक ज्ञान से पूरे विश्व को लाभ पहुंचाने का विचार सामने रखा, वहीं अफ्रीका का भविष्य संवारने के लिए उसे स्किल पावरहाउस बनाने का आइडिया भी दिया. आतंकवाद की फैक्ट्री का ईंधन बने ड्रग्स बिजनेस की कमर तोड़ने का फॉर्मूला दिया, तो हेल्थ इमरजेंसी के दौरान वैश्विक सहयोग की रूपरेखा भी पेश की. आइए बताते हैं ये प्लान हैं क्या और ये क्यों अहम हैं.
पूर्वजों के ज्ञान का डिजिटल खजाना
पीएम मोदी ने आधुनिकता की दौड़ में पीछे छूट रहे पारंपरिक ज्ञान को सहेजने के लिए Global Traditional Knowledge Repository बनाने का प्रस्ताव दिया है.
क्या है योजना: पीएम मोदी के बयान से साफ है कि यह दुनिया भर के पारंपरिक और सांस्कृतिक ज्ञान का एक डिजिटल भंडार होगा. भारत का मौजूदा इंडियन नॉलेज सिस्टम इसका आधार बन सकता है.
क्या उद्देश्य: पीएम ने कहा कि दुनिया के कई समुदायों के पास प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर जीने का अद्भुत ज्ञान है. इस रिपोजिटरी के जरिए मानवता की इस सामूहिक बुद्धिमत्ता को संरक्षित किया जाएगा ताकि भावी पीढ़ियां इससे सीख सकें. यह पहल टिकाऊ जीवनशैली (Sustainable Lifestyle) को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी.
अफ्रीका को स्किल्स से लैस करने का खाका
पीएम मोदी ने अफ्रीका के विकास और अफ्रीका के यंग टैलेंट को सक्षम बनाने को पूरी दुनिया के हित में बताते हुए Africa Skills Multiplier Initiative का प्रस्ताव सामने रखा है.
क्या है योजनाः यह पहल ग्लोबल साउथ खासकर अफ्रीका के विकास के लिए है. पीएम मोदी ने बताया कि इसमें सीधे युवाओं को ट्रेनिंग देने के बजाय ट्रेनर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी. अलग-अलग फील्ड के लिए अलग ट्रेनर्स तैयार किए जाएं. इसके तहत जी20 के सभी साझीदार देशों द्वारा अगले 10 वर्षों में अफ्रीका में 10 लाख सर्टिफाइड ट्रेनर तैयार करने का लक्ष्य उन्होंने रखा है.
क्या है मकसद: पीएम मोदी का सुझाव है कि ये 10 लाख ट्रेनर आगे चलकर करोड़ों अफ्रीकी युवाओं को स्किल सिखाएंगे. इससे एक मल्टीप्लायर इफेक्ट पैदा होगा, जिससे अफ्रीका के पास अपना खुद का स्किल्ड वर्कफोर्स बनेगा, लोकल कैपेसिटी तैयार होगी और दीर्घकालीन विकास को मजबूती मिलेगी.
स्वास्थ्य संकट के लिए रैपिड फोर्स
पीएम मोदी ने हेल्थ इमरजेंसी और प्राकृतिक आपदाओं के संकट से निपटने को सामूहिक दायित्व बताते हुए G20 Global Healthcare Response Team के गठन का प्रस्ताव दिया है.
क्या है योजना: जैसे युद्ध या सुरक्षा संकट की स्थिति में सेना की रैपिड एक्शन फोर्स मोर्चा संभालती है, उसी तरह इस हेल्थकेयर रिस्पॉन्स टीम में मेडिकल एक्सपर्ट्स की एक ग्लोबल टीम होगी. इसमें G20 देशों के प्रशिक्षित डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ शामिल होंगे.
क्या है मकसद: इसका मुख्य काम किसी भी महामारी, हेल्थ इमरजेंसी या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बिना समय गंवाए प्रभावित देश में राहत पहुंचाने का होगा.
नशे और आतंक के गठजोड़ पर प्रहार
चौथा और सबसे अहम प्रस्ताव वैश्विक सुरक्षा को लेकर है. पीएम मोदी ने ड्रग्स और आतंक के नेक्सस यानी आतंकवाद के लिए नशीले पदार्थों को हथियार बनाने के ट्रेंड को खत्म करने के लिए G20 Initiative on Countering the Drug-Terror Nexus नाम की खास पहल का आह्वान किया है.
क्या है योजनाः ड्रग्स तस्करी एक बड़ी चुनौती है, खासकर फेंटेनिल जैसे घातक ड्रग्स तेजी से फैल रहे हैं. ये जन स्वास्थ्य, समाज और वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन गया है. ये आतंकवाद को पोषण का भी एक बड़ा जरिया है. इस गठजोड़ को तोड़ने के लिए पीएम ने इस पहल का प्रस्ताव रखा है.
क्या होगा मकसदः पीएम मोदी के मुताबिक, ड्रग्स और टेरर इकोनमी की कमर तोड़ने के लिए फाइनेंस, गवर्नेंस और सिक्योरिटी से जुड़े अलग-अलग सिस्टम को एक साथ जोड़कर काम किया जाएगा. सब मिलकर एकसाथ काम करेंगे तो इस ड्रग्स के बिजनेस से मिलने वाले पैसे को आतंकवाद फैलाने में इस्तेमाल करने पर लगाम लग सकेगी और आतंकी मंसूबों को नाकाम करने में मदद मिलेगी.













