पाकिस्तान के आर्थिक संकट चरम पर है. आटे से लेकर बिजली तक आम लोगों को तगड़े झटके दे रही है. 1947 में अस्तित्व में आने के बाद पाकिस्तान के हालत इस समय सबसे बुरे हैं. पाकिस्तानी कंगाली की कगार पर पहुंच गया है और कोई मदद का हाथ दिखाई नहीं दे रहा है. ऐसे में पाकिस्तान ने देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के हताशापूर्ण प्रयासों के तहत कैबिनेट मंत्रियों और उनके सलाहकारों द्वारा वेतन नहीं लेने तथा विदेश यात्रा के दौरान मंत्रियों के पांच सितारा होटल में नहीं ठहरने जैसे मितव्ययिता के कई उपायों का ऐलान किया. मंत्रियों को अब अपने स्वयं के बिजली, गैस और पानी के बिलों का भुगतान भी करना होगा. सरकार ने इन कटौतियों के जरिए सालाना 200 अरब रुपये बचाने का प्लान बनाया है.
पाकिस्तान के पास अब कुछ ही दिनों का विदेशी मुद्रा भंडार शेष बचा है. अगर कोई मदद नहीं मिली, तो हालात बेहद खराब हो सकते हैं. अतीत में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मदद की आस है. कर्ज की नौवीं समीक्षा पर समझौता होने के बाद पाकिस्तान को 1.1 अरब डॉलर जारी होगा. आईएमएफ के कार्यक्रम के बहाल होने पर पाकिस्तान के लिए कर्ज पाने के और भी द्वार खुल जाएंगे. हालांकि, जब तक आईएमएफ से लोन नहीं मिलता है, तब तक पाकिस्तान को कुछ अन्य विकल्प तलाशने होंगे.
'लग्जरी' कार का उपयोग नहीं, विमान में 'इकोनॉमी' श्रेणी में यात्रा...
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये फैसलों की घोषणा की. बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद आधिकारिक खर्च में कटौती करने के उपायों की मंजूरी दी गई. उन्होंने कहा, "मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों और सलाहकारों ने स्वेच्छा से फैसला किया है कि वे सरकारी खजाने से वेतन या कोई अन्य लाभ नहीं लेंगे तथा अपने खर्चों के बिल का भुगतान करेंगे." उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के सदस्य 'लग्जरी' कार का उपयोग नहीं करेंगे और विमान में 'इकोनॉमी' श्रेणी में यात्रा करेंगे. विदेश यात्रा के दौरान पांच सितारा होटल में नहीं ठहरेंगे. सभी सरकारी अधिकारियों पर भी यह लागू होगा.
सरकारी विभागों के खर्च में 15% की कटौती, ' लग्जरी' वस्तुओं की खरीद पर बैन..
प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि संघीय सरकार के प्रत्येक विभाग के मौजूदा खर्च में 15 प्रतिशत की कटौती की जाएगी और प्रांतों को भी इसका अनुसरण करने तथा खर्चों में कटौती करने को कहा. उन्होंने मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा ‘लग्जरी' कार का उपयोग किये जाने पर भी पाबंदी लगा दी. उन्होंने नई कार सहित ‘लग्जरी' वस्तुओं की खरीद पर भी जून 2024 तक पाबंदी लगा दी. अन्य उपायों में, गर्मियों के मौसम में सुबह साढ़े सात बजे सरकारी कार्यालयों में कामकाज शुरू करना और सरकारी कार्यक्रमों में एक व्यंजन की नीति शुरू करना शामिल है. यह नीति विदेशी अतिथियों के लिए आयोजित कार्यक्रमों में लागू नहीं होगी. विदेशी भुगतान करने में नाकाम होने से बचने के लिए सात अरब डॉलर के लोन पैकेज के तहत आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर हासिल करने के लिए पाकिस्तान के झुकने के बीच ये उपाय किये गये हैं.
पाकिस्तान को ड्रैगन की मदद
पाकिस्तान के सबसे बुरे दौर में उसका सबसे करीबी दोस्त चीन उसकी मदद करने के लिए आगे आया है. चीन ने पाकिस्तान को 70 करोड़ डॉलर का कर्ज देने की घोषणा की है. यह रकम पाकिस्तान को जल्द ही मिलने की संभावना है. पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, चीन और पाकिस्तान के बीच 70 करोड़ डॉलर के कर्ज को लेकर फिलहाल सहमति बनी है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए यह बड़ी राहत की बात है.
पाकिस्तान में आसमान छू रही है महंगाई
पाकिस्तान में पहले ही महंगाई आसमान छू रही है, ऐसे में पिछले दिनों सरकार ने करों में बढ़ोतरी कर आम जनता पर दोहरी मार कर दी. इधर सरकार भी मजबूर है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद पाने के लिए उनकी मांगों को पूरा करना बेहद जरूरी है. इसलिए पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. ऐसे में पाकिस्तान में महंगाई और बढ़ गई है खाने-पीने और जरूरी चीजों की कमी हो गई है.
250 रुपये लीटर दूध, 780 रुपये किलो चिकन...
पाकिस्तान की जनता और सरकार को इस समय समझ नहीं आ रहा है कि इस आर्थिक संकट से निकलने का रास्ता क्या है? इस बीच रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं, क्योंकि आयात के लिए विदेशी मुद्रा भंडार बेहद कम रह गया है. पाकिस्तान में इस समय लगभग आटा 140 रुपये किलो, दूध 250 रुपये/लीटर और चिकन 780 रुपये/किग्रा के दाम पर बिक रहा है.