नीरव मोदी को अमेरिकी कोर्ट से लगा झटका, भारत प्रत्यर्पित होने से बचने को आजमा रहा है तरकीबें

नीरव मोदी ने पीएनबी और अन्य से एक अरब डॉलर की धोखाधड़ी की स्कीम बनाई. फिर कंपनी के शेयर मूल्य को गलत तरीके से बढ़ाने के लिए अतिरिक्त बिक्री के तौर पर मुनाफा फिर से अपनी कंपनी में ही लगाया.

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Nirav modi को भारत प्रत्यर्पित करने के चल रहे हैं प्रयास
वाशिंगटन:

अमेरिकी कोर्ट (US Court) ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Fugitive diamond trader Nirav Modi) को तगड़ा झटका दिया है. अमेरिकी अदालत ने नीरव मोदी और उसके दो सहयोगियों की याचिका को खारिज कर दिया है. इस याचिका में नीरव ने 3 कंपनियों के एक ट्रस्टी द्वारा उस पर लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज करने का अनुरोध किया था.तीन अमेरिकी कंपनियों फायरस्टार डायमंड, फैंटेसी इंक और ए जैफ की ओर से नियुक्त ट्रस्टी रिचर्ड लेविन ने न्यूयॉर्क की कोर्ट में मामला दाखिल किया था. नीरव मोदी पीएनबी धोखाधड़ी केस (PNB fraud case) में मुख्य आऱोपी है.

पहले इन तीनों कंपनियों का मालिकाना हक अप्रत्यक्ष रूप से नीरव मोदी के पास था.लेविन ने मोदी और उसके साथियों मिहिर भंसाली एवं अजय गांधी को कर्ज देने वालों को हुए नुकसान के लिए 1.5 करोड़ डॉलर का मुआवजा मांगा है. न्यूयॉर्क की अदालत के न्यायाधीश सीन एच लेन ने शुक्रवार को यह आदेश जारी किया, जो नीरव मोदी और उसके साथियों के लिए झटका है. ब्रिटेन की जेल में बंद नीरव मोदी पीएनबी घोटाला मामले में धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहा है और सरकार उसे भारत प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रही है.

भारतीय अमेरिकी वकील रवि बत्रा ने कहा, कोर्ट ने नीरव मोदी, महिर भंसाली और अजय गांधी की याचिका ठुकरा दी है. नीरव मोदी ने पीएनबी और अन्य से एक अरब डॉलर की धोखाधड़ी की स्कीम बनाई. फिर कंपनी के शेयर मूल्य को गलत तरीके से बढ़ाने के लिए अतिरिक्त बिक्री के तौर पर मुनाफा फिर से अपनी कंपनी में ही लगाया.

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लेकिन नीरव मोदी बैंक धोखाधड़ी के जरिये अपनी कंपनियों से गलत तरीके से प्राप्त धन को हासिल करने के लिए और अपने निजी लाभ के लिए धन निकासी को छिपाने के लिए एक और धोखाधड़ी में शामिल हो गए. उन्होंने इसे इस तरह दिखाया कि यह सामान्य कारोबारी लेनदेन हो.

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