तीन साल से जारी थीं कोशिशें अब मिली कामयाबी, पीएम मोदी के ब्रिटेन दौर पर साइन होगी फ्री ट्रेड डील 

प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन और मालदीव की चार दिवसीय यात्रा बुधवार से शुरू हो रही है. पीएम मोदी के साथ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी यूके में होंगे.

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  • भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है, जो 24 जुलाई को लंदन में साइन होगा
  • चमड़ा, जूते, कपड़ों के निर्यात पर टैक्स हटाने और ब्रिटेन से व्हिस्की और कारों के आयात में कटौती का प्रस्‍ताव
  • दोनों देशों के बीच व्यापार 2030 तक दोगुना होकर 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है
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नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जुलाई को ब्रिटेन के दौरे पर रहेंगे और उनके इस दौरे पर कई अहम मुद्दों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. कई मसलों में से ही एक यूके और भारत के बीच होने वाला मुक्‍त व्‍यापार समझौता या FTA. भारत सरकार के सूत्रों की मानें तो कैबिनेट ने मंगलवार को भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते को मंजूरी दे दी है. इस पर 24 जुलाई को लंदन में साइन होंगे. इस समझौते को आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता कहा जाता है. दोनों देश साल 2022 से ही इस एग्रीमेंट को निष्‍कर्ष तक ले जाने की कोशिशों में लगे हुए थे. 

क्‍या होगा इसका फायदा 

प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन और मालदीव की चार दिवसीय यात्रा बुधवार से शुरू हो रही है. पीएम मोदी के साथ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी यूके में होंगे. दोनों देशों ने 6 मई को एफटीए के लिए वार्ता के सफल समापन की घोषणा की थी. इस समझौते के चमड़ा, जूते और कपड़ों जैसे श्रम-प्रधान उत्पादों के निर्यात पर टैक्‍स हटाने का प्रस्ताव है. इसके अलावा ब्रिटेन से व्हिस्की और कारों के आयात को भी सस्ता बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया है. माना जा रहा है कि ऐसा करने से दोनों देशों के बीच साल 2030 तक दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार दोगुना होकर 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकेगा. 

कैसे लागू होता है एफटीए 

इस एग्रीमेंट में वस्तुओं, सेवाओं, इनोवेशंस, सरकारी खरीद और इंटलैक्‍चुअल प्रॉपर्टी अधिकारों जैसे मुद्दों पर अध्याय श‍ामिल हैं. एग्रीमेंट के चैप्‍टर्स पर आमतौर पर दोनों देशों के वाणिज्य मंत्री साइन करते हैं. समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद, इसे लागू होने से पहले ब्रिटिश संसद की मंजूरी लेनी होगी. दोनों देशों ने दोहरे अंशदान समझौते, या सामाजिक सुरक्षा समझौते पर बातचीत भी पूरी कर ली है. इससे ब्रिटेन में सीमित अवधि के लिए काम करने वाले भारतीय पेशेवरों द्वारा सामाजिक सुरक्षा कोष में दोहरे अंशदान से बचने में मदद मिलेगी. हालांकि, द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) पर बातचीत अभी भी जारी है. दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षर और अनुसमर्थन के बाद एफटीए लागू हो जाता है. 

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क्‍या होगी इसकी खास बात 

ऐसे एग्रीमेंट में, दोनों देश अपने बीच व्यापार की जाने वाली अधिकतम वस्तुओं पर सीमा शुल्क या तो खत्‍म कर देते हैं या काफी कम कर देते हैं. ये समझौते सेवाओं और द्विपक्षीय निवेश में व्यापार को बढ़ावा देने के मानदंडों को भी आसान बनाते हैं. साल 2024-25 में ब्रिटेन को भारत का निर्यात 12.6 प्रतिशत बढ़कर 14.5 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि आयात 2.3 प्रतिशत बढ़कर 8.6 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 20.36 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 21.34 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. 
 

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