- गाजा में युद्ध की मानवीय स्थिति पर दुनिया इजरायल की आलोचना कर रही है, जबकि अमेरिका उनका समर्थन कर रहा है.
- अमेरिकी राजदूत ने फ्रांस के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर यहूदी विरोधी भावना से निपटने में नाकामी पर आरोप लगाए.
- फ्रांस ने अमेरिकी राजदूत (जो ट्रंप के समधी हैं) को तलब कर इस आरोप को अस्वीकार्य बताया है.
गाजा में हर रोज और भयावह मानवीय स्थिति के लिए जब पूरी दुनिया इजरायल और उसके प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को कटघरे में खड़ा कर रही है, तब अमेरिका खुलकर उसका साथ दे रहा है. अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजरायल के लिए अपने दूसरे पार्टनर देशों के साथ रिश्ते को भी तिलांजली देने से परहेज करते नहीं दिख रहे हैं. अब इसी मुद्दे पर फ्रांस और अमेरिका के बीच के रिश्ते तल्ख होते दिख रहे हैं. फ्रांस ने पेरिस में मौजूद अमेरिकी राजदूत को तलब किया है. दरअसल अमेरिकी राजदूत चार्ल्स कुशनेर ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो को लेटर लिखकर आरोप लगाया था कि फ्रांस ने यहूदी विरोधी भावना से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं.
फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने रविवार, 24 अगस्त को एक बयान जारी कर घोषणा की कि उसने अमेरिकी राजदूत को यूरोप और विदेश मामलों के फ्रांसीसी मंत्रालय में सोमवार को पेश होने के लिए बुलाया है. साथ ही बयान में कहा गया कि अमेरिकी राजदूत के आरोप "अस्वीकार्य हैं."
अमेरिका और फ्रांस ने क्या कहा है?
व्हाइट हाउस ने इस मुद्दे पर तुरंत जवाब नहीं दिया है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने रविवार शाम को कहा कि वह अपने राजदूत की टिप्पणियों पर कायम हैं. उन्होंने कहा, "राजदूत कुशनर फ्रांस में हमारे अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधि हैं और उस भूमिका में हमारे राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा काम कर रहे हैं."
खास बात है कि चार्ल्स कुशनेर एक रियल एस्टेट डेवलपर हैं और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर के पिता हैं. यानी ट्रंप के समधी हैं. जेरेड ट्रंप के पूर्व व्हाइट हाउस वरिष्ठ सलाहकार हैं, जिनकी शादी ट्रंप की सबसे बड़ी बेटी इवांका से हुई है.
फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा है, "फ्रांस को संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत, मिस्टर चार्ल्स कुशनेर द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में पता चला है. उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में, फ्रांस में यहूदी विरोधी कृत्यों में वृद्धि के बारे में चिंता जताई थी और फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा उनसे निपटने के लिए पर्याप्त कार्रवाई की कथित कमी का उल्लेख किया था."
इसमें आगे कहा गया है "राजदूत के आरोप अस्वीकार्य हैं."
गाजा युद्ध के लिए इजरायल का फ्रांस ने किया है विरोध
अमेरिका और फ्रांस के बीच इस विवाद से पहले राष्ट्रपति मैंक्रो ने पिछले सप्ताह इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के इन आरोपों को खारिज किया था कि फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का फ्रांस का इरादा यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा दे रहा है.
ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ फ्रांस ने भी फिलिस्तीन को मान्यता देने की बात कही है और नेतन्याहू इससे नाराज हैं. गौरतलब है कि फ्रांस पश्चिमी यूरोप में सबसे बड़ी यहूदी आबादी वाला देश है. यहां अनुमानित 5 लाख यहूदी रहते हैं. यह राष्ट्रीय जनसंख्या का लगभग 1% है.
(इनपुट- एपी)