- फ्रांस में एक पूर्व एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर को 30 मरीजों को जानबूझकर जहर देने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा
- डॉक्टर ने मरीजों के इन्फ्यूजन बैग में पोटेशियम क्लोराइड और एड्रेनालाईन जैसे केमिकल मिलाकर जान लेने की कोशिश की
- डॉक्टर के सबसे छोटे शिकार चार साल का बच्चा था जिसे टॉन्सिल सर्जरी के दौरान जहर दिया गया था, जो बच गया
डॉक्टर भगवान के रूप होते हैं... यह बात हम और आप बचपन से ही सुनते आए हैं. लेकिन क्या होगा अगर वो डॉक्टर ही खुद को भगवान दिखाने के चक्कर में सीरियल किलर बन जाए? फ्रांस में ठीक यही हुआ था और अब ऐसा करने वाले डॉक्टर को उसके गुनाहों की सजा मिली है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार एक पूर्व एनेस्थेटिस्ट को जानबूझकर 30 मरीजों को जहर देने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, जिनमें से 12 की मौत हो गई थी. एनेस्थेटिस्ट यानी वो डॉक्टर जो सर्जरी के पहले शरीर के खास हिस्से को सुन्न करने का इंजेक्शन लगाता है.
इस रिपोर्ट के अनुसार 53 साल के इस डॉक्टर, फ्रेडरिक पेचिएर को फ्रांस के पूर्वी शहर बेसनकॉन में चार महीने की सुनवाई के अंत में शुक्रवार, 19 दिसंबर को दोषी ठहराया गया. डॉक्टर होने के बावजूद अपनी खूंखार हत्याओं के लिए इस डॉक्टर को एक नाम दिया गया था- डॉक्टर डेथ.
कैसे मरिजों को मौत के घाट उतारता था 'डॉक्टर डेथ'?
जांच में पता चला कि यह डॉक्टर रोगियों के इन्फ्यूजन बैग (पानी और न्यूट्रिशन चढ़ाने वाले बैग) में पोटेशियम क्लोराइड या एड्रेनालाईन जैसे केमिकल मिलाते पाया गया था. डॉक्टर के मिलाए केमिकल से मरीजों में कार्डियक अरेस्ट (हार्ट अटैक) या उनके शरीर से खून बहना शुरू हो जाता था. उन्हें तुरंत ऑपरेशन थिएटर में ले जाना पड़ता था और अक्सर उनका ऑपरेशन खुद डॉकर पेचिएर करता था. वह खुद को भगवान दिखाने के लिए ही अपने मरीजों को जहर देता था. लेकिन 12 मामलों में वह भगवान नहीं बन पाया क्योंकि या तो उसे ऑपरेशन करने का मौका नहीं मिला, या बहुत देर हो चुकी थी, और मरीज की मृत्यु हो गई.
रिपोर्ट के अनुसार सरकारी वकीलों ने पिछले सप्ताह कोर्ट में कहा था, "आप डॉक्टर डेथ हैं, जहर देने वाले, हत्यारे हैं. आप सभी डॉक्टरों को शर्मसार करते हैं. आपने इस क्लिनिक को कब्रिस्तान बना दिया है.”














