पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को देश की शीर्ष जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं होने और अवैध फंडिंग के मामले में उसके नोटिस का जवाब नहीं देने के सिलसिले में गिरफ्तार किया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट में शनिवार को यह जानकारी सामने आई है. पाकिस्तान के दैनिक समाचार पत्र 'द न्यूज' की रिपोर्ट के मुताबिक संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने इस संबंध में शुक्रवार को इमरान खान को दूसरा नोटिस जारी किया है.
'द न्यूज' की रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान को पिछले बुधवार को पहला नोटिस भेजा गया था, लेकिन उन्होंने एफआईए की टीम के सामने पेश होने से इनकार कर दिया. खबर में एफआईए के उच्चस्तरीय अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि इमरान खान को गिरफ्तार करने का अंतिम फैसला तीन नोटिस जारी करने के बाद लिया जा सकता है.
वहीं इमरान खान ने एफआईए से उन्हें भेजा गए नोटिस दो दिनों में वापस लेने को कहा है, नहीं तो कानूनी कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने कहा, "न तो मैं आपको जवाब देने के लिए उत्तरदायी हूं और न ही यह मेरे लिए उत्तरदायी है कि मैं आपको जानकारी दूं. अगर दो दिन में नोटिस वापस नहीं लिया गया तो मैं आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा."
रिपोर्ट में कहा गया है, "एफआईए समिति ने इमरान को ईसीपी से तथ्यात्मक स्थिति छिपाने का दोषी साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत एकत्र किए हैं." रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरा और संभवत: अंतिम नोटिस अगले सप्ताह जारी किया जाएगा. ईसीपी की तीन सदस्यीय पीठ ने खान की पार्टी को विदेशी नागरिकों और विदेशी कंपनियों से प्रतिबंधित धन हासिल करने और इसे गुप्त रखने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया.
मामला नवंबर, 2014 में पार्टी के संस्थापक सदस्य अकबर एस बाबर द्वारा दायर किया गया था, जो अब पीटीआई से जुड़े नहीं हैं.
चुनाव आयोग ने अपने फैसले में पार्टी को एक नोटिस जारी कर पूछा कि संपत्ति को जब्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए, और यह भी कहा कि "यह मानने के लिए विवश हैं कि इमरान खान पाकिस्तानी कानूनों के तहत अनिवार्य रूप से अपने दायित्वों का निर्वहन करने में विफल रहे." पीटीआई और चुनाव आयोग आमने-सामने है.
सूत्रों के हवाले से खबर में कहा गया है कि एफआईए ने पूर्व प्रधानमंत्री की पार्टी से संबंधित पांच कंपनियों का पता लगाया है, जो अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन और बेल्जियम में काम कर रही है. पाकिस्तान के चुनाव आयोग को सौंपी गई रिपोर्ट में इन कंपनियों का उल्लेख नहीं किया गया है.
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने कहा था कि इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को भारतीय मूल के एक व्यवसायी सहित 34 विदेशी नागरिकों से नियमों के खिलाफ धन राशि प्राप्त हुई है.
इमरान खान मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा पर उनकी पार्टी के खिलाफ पक्षपात करने का आरोप लगाते रहे हैं.