विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कोलंबो पहुंचने के तुरंत बाद श्रीलंका के अपने समकक्ष अली साबरी के साथ बातचीत की. जयशंकर ने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से भी मुलाकात की. श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 2.9 अरब डॉलर का ‘ब्रिज लोन' पाने की कोशिश के साथ चीन, जापान और भारत से वित्तीय आश्वासन प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है. आईएमएफ राहत पैकेज को रोक दिया गया है, क्योंकि श्रीलंका इस सुविधा के लिए वैश्विक ऋणदाता की शर्त को पूरा करने के संबंध में कर्ज देने वाले देशों के साथ बातचीत कर रहा है.
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने भारत के साथ अपनी ऋण पुनर्गठन वार्ता को ‘‘सफलतापूर्वक'' पूरा कर लिया है. विक्रमसिंघे ने संसद को बताया, ‘‘मैं इस सदन को बता सकता हूं कि वार्ता सफल रही है.''
मंगलवार को, भारत के वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव रजत कुमार मिश्रा ने आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जिवा को सूचित किया कि भारत ने ऋण पुनर्गठन के मुद्दे पर श्रीलंका को अपने समर्थन की पुष्टि की है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर 18 से 20 जनवरी तक मालदीव और श्रीलंका के आधिकारिक दौरे पर हैं. जयशंकर, मालदीव के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने वाले द्विपक्षीय विकास सहयेाग से जुड़े कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे. वह दो देशों के बीच हुए कई प्रमुख समझौतों पर भी हस्ताक्षर करेंगे.
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