अफ्रीका के उदय को लेकर आश्वस्त है भारत, इसके बिना दुनिया का पुनर्संतुलन नहीं होगा: विदेश मंत्री जयशंकर

जयशंकर ने कहा, ‘‘हम अफ्रीका को लेकर आश्वस्त हैं क्योंकि...हमारा एक साझा अतीत है, जो केवल सुखद इतिहास नहीं है, जो केवल हमारे बीच नहीं, बल्कि हमारे और कुछ अन्य के बीच है लेकिन यह एक ऐसा इतिहास है जिसने शानदार एकजुटता पैदा की है.

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अबुजा:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत अफ्रीका के उदय को लेकर आश्वस्त है और जब तक इस महाद्वीप को उसका उचित स्थान नहीं मिल जाता, तब तक दुनिया का पुनर्संतुलन नहीं होगा और बहुध्रुवीय स्थिति नहीं बनेगी. जयशंकर ने नाइजीरिया-भारत व्यापार परिषद (एनआईबीसी) को संबोधित करते हुए कहा कि नई वैश्विक व्यवस्था का पुनर्संतुलन और इसकी पुनर्व्यवस्था तभी होगी जब आर्थिक स्थिति इसके मूल में होगी, यानी अफ्रीका का उत्थान अफ्रीका का आर्थिक उत्थान होना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘यह व्यवस्था स्पष्ट रूप से यह विकल्प पेश करती है क्योंकि दूसरों के लिए बाजार बनकर या केवल संसाधनों का प्रदाता बनकर वैश्विक व्यवस्था में ऊपर जाना बहुत कठिन है.'' जयशंकर ने कहा, ‘‘अफ्रीका का उदय हो रहा है और भारत उसके उदय को लेकर आश्वस्त है.'' उन्होंने कहा कि भारत को अफ्रीका के उदय पर इसलिए भरोसा है क्योंकि आज किसी भी वस्तुनिष्ठ आकलन के अनुसार ‘‘जनसांख्यिकी के मामले में, संसाधनों के मामले में, महत्वाकांक्षा के मामले में, नीतिगत संरेखण के मामले में अफ्रीका तेजी से आगे बढ़ रहा है.'' उन्होंने कहा कि यह कम समय में स्पष्ट रूप से बहुत अलग, अधिक सकारात्मक भविष्य की ओर ले जाता है.

जयशंकर ने कहा, ‘‘हम अफ्रीका को लेकर आश्वस्त हैं क्योंकि...हमारा एक साझा अतीत है, जो केवल सुखद इतिहास नहीं है, जो केवल हमारे बीच नहीं, बल्कि हमारे और कुछ अन्य के बीच है लेकिन यह एक ऐसा इतिहास है जिसने शानदार एकजुटता पैदा की है. यह एकजुटता मुझे पूरी तरह स्पष्ट करती है कि जब हम बदलती वैश्विक व्यवस्था की बात करते हैं... दुनिया में पुनर्व्यवस्था का जिक्र करते हैं, दुनिया के पुनर्संतुलन, बहुध्रुवीयता की बात करते हैं तो यह तब तक पूरा नहीं होगा, जब तक अफ्रीका को उसका सही स्थान नहीं मिल जाता.''

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उन्होंने कहा कि डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, हरित एवं स्वच्छ विकास, पानी, कृषि स्थिरता एवं सुरक्षा और समुद्री अर्थव्यवस्था ऐसे कुछ क्षेत्र हैं जहां भारत और अफ्रीका के बीच साझेदारी बढ़ सकती है. जयशंकर युगांडा में अयोजित गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद रविवार को नाइजीरिया पहुंचे. वह नाइजीरिया की यात्रा करने वाले भारत के पहले विदेश मंत्री हैं. उन्होंने कहा कि भारत और नाइजीरिया के बीच लगभग 13 से 15 अरब अमेरिकी डॉलर का सालाना व्यापार होता है और भारत ने नाइजीरिया में लगभग 30 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है. उन्होंने कहा कि नाइजीरिया अफ्रीका में भारत का प्रमुख आर्थिक भागीदार है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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