Explainer: क्यों इतिहास का सबसे जोखिम भरा ओलंपिक होगा पेरिस 2024, क्या हैं खतरे?

ओलंपिक में आतंकी हमला सबसे बड़ा खतरा है, फ्रांस गहरे आंतरिक विभाजन से जूझ रहा है, देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है जिससे विरोध प्रदर्शनों की भी संभावना है.

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पेरिस और आसपास के क्षेत्र में ओलंपिक और पैरालिंपिक के दौरान करीब 30,000 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे.

फ्रांस (France) में आंतरिक कलह और वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों के चलते 2024 का पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics 2024) खेल इतिहास के सबसे जोखिम भरे खेल टूर्नामेंटों में से एक होगा. फ्रांस गहरे आंतरिक विभाजन से जूझ रहा है. देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है. विरोध प्रदर्शनों या हिंसा की आशंकाओं के चलते आयोजकों के सामने बड़ी चुनौतियां हैं.

मौजूदा वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में प्रमुख ताकतों के बीच तनाव बढ़ रहा है. इससे खतरे और बढ़ गए हैं. यह ओलंपिक राज्य प्रायोजित ताकतों के लिए संभावित टारगेट बन सकते हैं. वे अपने स्वयं के एजेंडे के लिए इस आयोजन का फायदा उठाना चाहते हैं.

खतरों के मद्देनजर आयोजक अभूतपूर्व सुरक्षा उपाय कर रहे हैं, जिसमें रिकॉर्ड तादाद में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती भी शामिल है. पेरिस को कवर करने वाले इले-डी-फ्रांस इलाके में चार सप्ताह के ओलंपिक और पैरालिंपिक के दौरान करीब 30,000 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. चरम समय में इनकी तादाद 45,000 तक बढ़ जाएगी. सुरक्षा मजबूत करने के लिए उन्हें पूरे यूरोप से पुलिस बलों के साथ जोड़ा जाएगा.

इस्लामिक आतंकवाद

इस्लामवादी आतंकवादी नेटवर्क से उत्पन्न खतरा चिंता का अहम विषय है. पिछले दिनों में खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर हुए हमलों की घटनाएं, साथ ही फ्रांसीसी अधिकारियों के विफल प्रयासों की रिपोर्टें इस जोखिम को स्पष्ट करती हैं.

पिछले साल 7 अक्टूबर को हुए आतंकवादी हमले के बाद इजरायल-हमास संघर्ष के बढ़ने से यह खतरा और बढ़ गया है. इस्लामवादी आतंकवादी इस स्थिति का फायदा उठाकर खुद को फिलिस्तीनियों और मुसलमानों के रक्षक के रूप में स्थापित करने की कोसिश कर सकते हैं. वे न केवल इजरायल बल्कि इजरायल का समर्थन करने वाले पश्चिमी देशों को भी निशाना बना सकते हैं.

दाएश (ISIS) पर सबसे पहले संदेह होता है, खास तौर पर इसलिए क्योंकि यह एक बड़े नेटवर्क के रूप में काम करता है. वह उसके नाम पर काम करने वाले कई छोटे आतंकी संगठनों को प्रेरणा और पहचान देता है.

डेनमार्क और जर्मनी में गिरफ्तारियों से पता चलता है कि हमास यूरोप की धरती पर ऑपरेशन चला सकता है. यह घटनाक्रम परिदृश्य को जटिल बनाने वाला है.

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ऐतिहासिक रूप से हमास ने खुद को दाएश और अलकायदा जैसे अंतरराष्ट्रीय इस्लामी आतंकवादी नेटवर्क से दूर रखा है. वह इजरायल पर ध्यान केंद्रित किए है. हालांकि 7 अक्टूबर 2023 के बाद से हालात बदल गए हैं. अब संघर्ष को नैतिक रूप से भ्रष्ट पश्चिम द्वारा इजरायल का समर्थन करने के खिलाफ एक व्यापक अरब और मुस्लिम कारण के रूप में देखा जा रहा है.

यह गठबंधन संभावित रूप से हमास और दाएश के बीच सहयोग की ओर ले जा सकता है. म्यूनिख 1972 ओलंपिक में हुई ऐसी घटनाएं दुखद याद दिलाती हैं. ओलंपिक गांव में घुसपैठ, इजरायली एथलीटों की हत्या और ब्लैक सितंबर द्वारा बंधक बनाया जाना खतरों को उजागर करता है. यूरोप में यहूदी विरोधी माहौल, और साथ ही इजरायलियों पर हमलों को सही ठहराने वाली पिछली बयानबाजी से पता चलता है कि पेरिस ओलंपिक के दौरान इजरायली एथलीट और प्रशंसक जोखिम में पड़ सकते हैं.

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घातक हमलों का खतरा

बंधक बनाना, आत्मघाती बम विस्फोट और विस्फोटक लगाए जाना संभावित खतरों में से हैं. हालांकि यूरोप में आत्मघाती बम विस्फोट कम होते हैं, लेकिन फिर भी वे एक संभावना बने हुए हैं. निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने की जटिलता के कारण ऐसे हमलों को विफल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत होती है.

मॉस्को में ISIS से जुड़े आतंकवादियों द्वारा हाल ही में किए गए हमले उनकी भीड़भाड़ वाले इलाकों में गोलीबारी की घातक क्षमता को दर्शाते हैं. इसके अलावा फ्रांस में चाकू जैसे हथियारों से और वाहनों के जरिए भी हमलों की घटनाएं होती रही हैं, जो कि चिंता बढ़ाने वाली बात है. 

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सबसे खराब स्थिति में कई स्थानों पर एक साथ कई हमले होने की आशंका शामिल है. इनमें विभिन्न तरीकों और लक्ष्यों का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह एथलेटिक स्थलों से आगे बढ़कर चर्च और सभास्थलों तक फैल सकते हैं.

कैसे उकसाया जाता है आतंकवादी को?

लोगों को कट्टरपंथी बनाने, हिंसा के लिए प्रेरित करने की कोशिशें खतरे के हालात अधिक  जटिल बनाते हैं. चरमपंथी कई तरह की विचारधाराओं से प्रेरणा लेते हैं. उनको व्यक्तिगत, सामाजिक या राजनीतिक मुद्दों को लेकर उकसाया जा सकता है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि ओलंपिक खेल चरमपंथी गुटों और हमलों को अंजाम देने के इच्छुक लोंगों के लिए एक आकर्षक हाई-प्रोफाइल स्थल हो सकता है.

दक्षिणपंथी चरमपंथ भी एक अन्य महत्वपूर्ण खतरा है. फ्रांस की आतंकवाद-रोधी पुलिस ने 17 जुलाई को ओलंपिक मशाल रिले को निशाना बनाने के संदेह में एक कथित नव-नाज़ी समर्थक को हिरासत में लिया.

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पेरिस से परे भी खतरे

सोशल मीडिया चरमपंथियों को कट्टरपंथ का पाठ पढ़ाने के लिए अब महत्वपूर्ण प्लेटफार्म बन गया है. डिजिटल दुनिया के परस्पर जुड़ाव का मतलब है कि पेरिस से दूर होने वाले हमले. जैसे कि सार्वजनिक रूप से टीवी पर खेलों को देखने के आयोजनों में हमले. ओलंपिक की वैश्विक पहुंच का मतलब है कि कोई भी सुरक्षा उल्लंघन, चाहे वह किसी भी स्थान पर हो, के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं.

ओलंपिक की भावना शांतिपूर्ण प्रतिस्पर्धा में निहित है, जो इसके प्राचीन ग्रीक मूल की याद दिलाती है. पेरिस ओलंपिक 2024 में सुरक्षा से जुड़ी कड़ी चुनौतियां हैं. इसके लिए एक व्यापक और बहुआयामी दृष्टिकोण की जरूरत है जो आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के खतरों से निपट सके.

अंतरराष्ट्रीय सहयोग, खुफिया जानकारी एकत्र करना और उभरते खतरे की गहन समझ एथलीटों, दर्शकों और जनता की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.

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