Explainer : क्‍या है पाकिस्तान का साइफर मामला? जिसे लेकर पूर्व PM इमरान खान पर कसा जा रहा शिकंजा

इमरान खान दलील दे चुके हैं कि वे साइफर को प्रधानमंत्री कार्यालय में ही छोड़ आए थे, लेकिन ब्रिटेन के मीडिया हाउस इंटरसेप्टर में इस साइफर का ब्योरा छपने का बाद माना जा रहा है कि उसे इमरान खान ने ही लीक किया है. 

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साइफर को लेकर इमरान खान ने अमेरिका के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला था. (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली:

पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) पर अब साइफर मामले में भी शिकंजा कसने लगा है. तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद इमरान खान अटक जेल में बंद है. अब उनसे साइफर मामले को लेकर पूछताछ की गई है. जानकारी के मुताबिक, एक घंटे तक चली इस पूछताछ में इमरान खान ने माना कि उन्हें ठीक ठीक याद नहीं है कि साइफर कहां रखा था, वो गुम हो गया है. आइए जानते हैं कि ये साइफर मामला है क्या.

साइफर या डिप्लोमैटिक केबल किसी देश के विदेशी मिशन की तरफ से अपने देश को भेजा जाने वाला वो संवाद होता है जिसमें मिशन के डिप्लोमेट्स की मेजबान देश के डिप्लोमेट्स या अधिकारियों आदि के बीच बातचीत का ब्योरा होता है. ये कोड वर्ड्स में होता है, जिसको डिकोड कर उसका अनुवाद किया जाता है. 

मार्च 2022 में पाकिस्तान के फैजाबाद की रैली में एक पर्ची निकाल कर इमरान खान ने दावा किया था कि उनको ये साइफर मिला है, जिसमें उनकी सरकार को गिराने की कोशिश के पीछे अमेरिकी साजिश का पता चलता है. 

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साइफर की बातचीत में क्‍या है खास?
साइफर या केबल की बातचीत अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी डॉनल्ड लू और अमेरिका में तब के पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद के बीच की है. इस कोडेड केबल को डिकोड कर उसका जो अनुवाद मीडिया में आया था, उसके मुताबिक डॉनल्ड लू ने असद मजीद से कहा - 
1.    यूक्रेन पर पाकिस्तान की नीति को लेकर अमेरिका में बहुत नाराजगी है. 
2.    24 फरवरी को जब रूस ने यूक्रेन पर हमले किया तब इमरान खान मॉस्को के राजकीय दौरे पर थे, ये पीएम इमरान खान का अपना फैसला लगता है. 
3.    यूएन में वोटिंग के दौरान भी पाकिस्तान कई बार अनुपस्थित रहा. 
4.    अगर इमरान खान को अविश्वास मत में हरा दिया जाए तो अमेरिका पाकिस्तान की इन गलतियों को माफ कर देगा वरना आगे का समय बहुत कठिनाई भरा होगा. 

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अमेरिका के खिलाफ खोला था मोर्चा 
इमरान खान ने इस केबल को अपनी हर सभा में बहुत तूल दिया. अप्रैल 2022 में सरकार गिरने के बाद साइफर को लेकर अमेरिका के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला. 

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साइफर को सार्वजनिक करना अपराध 
साइफर को सार्वजनिक करना आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत अपराध माना गया और इस मामले में मुकद्दमा दर्ज किया गया. इमरान खान के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे आजम खान सरकारी गवाह बन गए. पूर्व विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी को 15 अगस्त को गिरफ्तार किया जा चुका है और अब एक बार फिर इमरान खान से पूछताछ की गई है. 

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इमरान ने लीक किया साइफर!
इमरान खान दलील दे चुके हैं कि वे साइफर को प्रधानमंत्री कार्यालय में ही छोड़ आए थे, लेकिन ब्रिटेन के मीडिया हाउस इंटरसेप्टर में इस साइफर का ब्योरा छपने का बाद माना जा रहा है कि उसे इमरान खान ने ही लीक किया है. 

कड़ी सजा का है प्रावधान
पाकिस्तान सीनेट में हाल ही में सेना अधिनियम और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम में संशोधन किया है. इसके तहत किसी गोपनीय कागजात के जरिये पाकिस्तान या पाकिस्तान की सेना को बदनाम करने वाले को कड़ी सजा का प्रावधान है. माना जा रहा है कि यह साइफर मामले में इमरान खान पर शिंकजा कसने के मकसद से किया गया. 

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