यूक्रेन (Ukraine) पर रूस के हमले (Russian Attack) के बढ़ते खतरे के बीच खबर आई कि ऐसा हो सकता है कि यूक्रेन रूस के साथ युद्ध टालने के लिए NATO में शामिल होने की दावेदारी छोड़ दे लेकिन फिर इसे लेकर यूक्रेन की तरफ से सफाई दी गई. ब्रिटिश मीडिया BBC ने ब्रिटेन (Britain) में यूक्रेन के राजदूत से प्रश्न पूछा था कि यूक्रेन की सीमा पर रूसी सेनाओं की भारी तैनाती में कटौती के लिए क्या उपाय हो सकता है जिसके जवाब में उन्होंने कहा था कि यूक्रेन NATO में अपनी भागीदारी को लेकर लचीला रुख अपना सकता है. उधर रूस साफ तौर पर यूक्रेन के NATO में शामिल होने के खिलाफ है और रूस ने यूक्रेन की सीमा पर तनाव कम करने के मुद्दे पर यह शर्त रखी थी कि NATO यह वादा करे कि वो कभी यूक्रेन को अपने समूह में शामिल नहीं करेगा.
ब्रिटेन में यूक्रेन के राजदूत वाद्यम प्रिस्ताकियो (Vadym Prystaiko) ने BBC रेडियो से कहा था कि यूक्रेन अटलांटिक मिलिट्री अलायंस, नाटो में शामिल होने के अपने लक्ष्य को लेकर अड़ियल नहीं है और एक "लचीला रुख" अपनाने को तैयार है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन का कहना है कि यूक्रेन का नाटो में शामिल होना युद्ध को निमंत्रण देगा.
यह भी पढ़ें:- Explainer: NATO में Ukraine शामिल क्यों होना चाहता है? Russia क्यों कर रहा है विरोध?
ब्रिटेन में यूक्रेन के राजदूत प्रिस्ताकियो से जब पूछा गया कि क्या यूक्रेन NATO सदस्यता पर अपना रूख बदल सकता है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, "खासतौर से इस तरह से धमकी मिलने के बाद, ब्लैकमेल किए जाने के बाद, हम शायद ऐसा कर सकते हैं."
यूक्रेन फिलहाल एक NATO देश नहीं है लेकिन 2008 में NATO की तरफ से घोषणा की गई थी कि यूक्रेन को भी NATO में शामिल किया जाएगा. इससे अमेरिकी अगुवाई वाली सेनाओं को रूस की सीमा तक पहुंच मिल जाएगी. 2019 में यूक्रेन के संविधान में इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक संशोधन भी किया गया था.
NATO सदस्यता पर यूक्रेन से बयान
द गार्डियन की खबर के मुताबिक लेकिन इस बयान के बाद यूक्रेन ने ब्रिटेन में मौजूद अपने राजदूत के विचार को सिरे से खारिज कर दिया है कि वो रूस के साथ युद्ध टालने के लिए NATO में शामिल होने का दावा छोड़ सकता है. जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज (Olaf Scholz)यूक्रेन के नेताओं से मुलाकात के लिए राजधानी किएव (Kyiv) में मौजूद हैं. इस मुलाकात से पहले यूक्रेन की तरफ से यह बयान आया है.
ब्रिटेन में यूक्रेन के राजदूत के बयान के तुरंत बाद यूक्रेन के विदेश मंत्रायल के प्रवक्ता की तरफ से इस बयान को खारिज किया गया. उन्होंने कहा कि प्रिस्ताकियो के बयान को संदर्भ से बाहर देखा जा रहा है.
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको (Oleg Nikolenko)ने फेसबुक पर लिखा, "राजदूत प्रिस्ताकियो ने अपने इंटरव्यू में नाटो सदस्यता के बारे में सही कहा कि यूक्रेन के संविधान में इस बात का उल्लेख है. हालांकि यूक्रेन फिलहाल NATO या किसी और सुरक्षा गठबंधन का सदस्य नहीं है.
उन्होंने लिखा, हमारे लिए सुरक्षा की गांरटी अहम मुद्दा है. इसमें कोई शक नहीं है कि हमे सबसे बेहतर गारेंटी यह होगी कि हमें तुरंत नाटो में शामिल कर लिया जाए. लेकिन यूक्रेन फिलहाल खतरे में है और इसलिए सुरक्षा गारेंटी की मांग हमारे लिए मूलभूत और प्राथमिकता वाला काम है. साथ ही यूक्रेन के संविधान से हटकर हम कोई फैसला नहीं ले सकते हैं."
प्रिस्ताकियो ने बयान पर दी सफाई
इसके बाद BBC ने टीवी पर से प्रिस्ताकियो से फिर बात की. उनसे पूछा गया कि यूक्रेन नाटो में शामिल होने की अपनी इच्छा पर दोबारा विचार कर रहा है? जवाब में प्रिस्ताकियो ने अंग्रेजी में कहा, " नहीं ऐसा नहीं है और मैं खुश हूं कि मुझे अपनी बात दोबारा साफ तरीके से रखने का मौका मिल रहा है."
उनसे दोबारा पूछा गया कि क्या यूक्रेन नाटो सदस्यता के अपने दावे में कुछ बदलाव कर रहा है? तो जवब में उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है, BBC की पिछली खबर में कुछ ग़लतफहमी हो गई थी."
उन्होंने कहा, " हम फिलहाल नाटो के सदस्य नहीं है और युद्ध टालने के लिए कई उपाय कर रहे हैं जिनमें रूस से बात करना भी शामिल है लेकिन इसका नाटो से कुछ लेना देना नहीं जो कि हमारे संविधान में शामिल है."
आगे प्रिस्ताकियो ने सफाई देते हुए कहा, " यह NATO में शामिल होने की यूक्रेन की महत्वकांक्षा में देरी नही है बल्कि क्योंकि हम अभी NATO परिवार में शामिल नहीं है तो इसलिए हम सुरक्षा के इस गंभीर खतरे को देखते हुए NATO के अलावा अमेरिका और ब्रिटेन के साथ द्विपक्षीय समझौते पर भी विचार कर रहे हैं."