पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (US Security Advisor) जॉन बोल्टन (John Bolton) ने मंगलवार को टीवी पर दिए एक इंटरव्यू में माना कि उन्होंने दूसरे देशों में सत्ता पलटने में मदद की जबकि उन्होंने कहा कि 6 जनवरी 2021 के वॉशिंगटन (Washington) के दंगों के पीछे ऐसी कोई मंशा नहीं थी. बोल्टन ने सीएनएन के जेक टेपर से कहा, कैपिटन हिल पर यह हमला उस समय के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का नतीजा था जो वो एक विचार से दूसरे विचार पर लुढ़कते रहते थे." उन्होंने कहा, ऐसे व्यक्ति के तौर पर काम किया, कोई जिसने दूसरे देशों में सत्ता पलटने में मदद की, अमेरिका में नहीं, इसमें बहुत मेहनत लगती है."
बोल्टन ने साल 2018 से 2019 में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर काम किया. उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने कौन सी सरकारों को पलटने में मदद की, लेकिन उके पद पर रहते हुए उन्होंने वेनेजुएला में अमेरिकी सेना के हस्तक्षेप की वकालत की थी.
बोल्टन ने कहा, 6 जनवरी को हमारे लोकतंत्र पर हमला नहीं था. यह डोनाल्ड ट्रंप की कोशिश थी, अपने जैसे डोनाल्ड ट्रंपों को खोजने की. ऐसा जीवन में एक बार ही होता है."
आगे उन्होंने कहा, आखिरकार उन्होंने दंगाईयों को कैपिटन हिल पर छोड़ दिया. इसमें कोई शक नहीं है लेकिन संविधान को उखाड़ने के लिए नहीं, बल्कि कुछ और समय जुगाड़ने के लिए ताकि मुद्दों को दूसरे देशों पर टाला जा सके और दोबारा से काम सही किया जा सके."
बोल्टन ने अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस में तीन रिपब्लिकन प्रशासनों में काम किया है. सबसे पहले उन्होंने 1980 के दशक में रोनाल्ड रीगन के साथ काम किया था. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के तौर पर पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू बुश के कार्यकाल में सेवाएं दीं थीं और कई दशकों तक उन्हें उनकी बड़ी सफेद मूंछों से पहचाना जाता है.